क्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नहीं होगी नियुक्ति! सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने दिया जवाब

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संसोधन अधिनयम को लेकर सुनवाई जारी है. मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अदालत ने केंद्र को वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया.

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Courtesy: Social Media

Waqf Board: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संसोधन अधिनयम को लेकर सुनवाई जारी है. मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को अदालत ने केंद्र को वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया. सुनवाई के दौरान केंद्र ने अदालत को यह भी बताया कि केंद्रीय या राज्य वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति नहीं की जाएगी.

अदालत की ओर से केंद्र द्वारा दिए गए आश्वासन को दर्ज कर लिया गया है. साथ ही अदालत की ओर से कहा गया कि अगली सुनवाई की तारीख तक किसी भी वक्फ संपत्ति (जिसमें अधिसूचना द्वारा घोषित या उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ के रूप में पंजीकृत संपत्तियां शामिल हैं) को अधिसूचित नहीं किया जाएगा या उनके चरित्र में बदलाव नहीं किया जाएगा.

वक्फ की संपत्ति से छेड़छाड़ 

अदालत की ओर से दिए गए इस आश्वासन से जांच के दायरे में आने वाली वक्फ संपत्तियों, विशेष रूप से वक्फ अधिनियम, 1995 के तहत पंजीकृत संपत्तियों की स्थिति के संबंध में अस्थायी राहत मिली है. सुनवाई के दौरान भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने जोर देकर कहा कि 1995 के अधिनियम के तहत पंजीकृत किसी भी वक्फ संपत्ति के साथ इस अवधि के दौरान कोई भी छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त, केंद्र ने अदालत को सूचित किया कि वह अंतरिम अवधि में केंद्रीय वक्फ परिषद या विभिन्न वक्फ बोर्डों में कोई नई नियुक्ति करने से परहेज करेगा. यह मामला जब तक विचाराधीन है, तब तक यथास्थिति बनाए रखने के बारे में न्यायालय की चिंता के जवाब में आया है.

5 मई को होगी अगली सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस दौरान नियुक्तियों सहित कोई भी प्रशासनिक परिवर्तन नहीं किया जाना चाहिए. जिससे अंतिम निर्णय होने तक मौजूदा ढांचे को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल मिलता है. अदालत की ओर से इस संशोधन का विरोध कर रहे लोगों को राहत मिलेगी. वहीं अदालत द्वारा मामले की सुनवाई के लिए अगली  तारीख 5 मई की दी गई है.