'आओ मेरे पैर छुओ और मेरा आशीर्वाद लो...,' अजित पवार ने भतीजे रोहित पर साधा निशाना

NCP Ajit Pawar targeted Rohit Pawar: 23 नवंबर को महाराष्ट्र और झारखंड समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए. इस दौरान एक राज्य में NDA और एक राज्य में I.N.D.I.A गठबंधन को जीत मिली. इस नतीजे के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. ऐसे में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को NCP-SP नेता रोहित पवार पर निशाना साधा है.

Date Updated
फॉलो करें:

NCP Ajit Pawar targeted Rohit Pawar : सोमवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने NCP (SP) नेता रोहित पवार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर वह अपने भतीजे के विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करते तो उनके लिए जीतना चुनौतीपूर्ण होता. हाल ही में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में, NCP (SP) प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार ने अहिल्यानगर जिले की कर्जत जामखेड सीट को सफलतापूर्वक बरकरार रखा, उन्होंने भाजपा के राम शिंदे को 1,243 मतों के मामूली अंतर से हराया. वाईबी चव्हाण की स्मृति में रोहित और अजित पवार आमने-सामने आए. वरिष्ठ पवार ने अपने भतीजे को बधाई दी और उनसे उनका आशीर्वाद लेने और उनके पैर छूने को कहा.

अजित पवार ने कहा, "आओ, मेरा आशीर्वाद लो. तुम मुश्किल से बच गए. अगर मैंने कर्जत जामखेड में एक रैली की होती, तो कल्पना कीजिए कि क्या होता." NCP (SP) नेता ने बाद में कहा कि उनके राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, अजित पवार उनके लिए "पितातुल्य" हैं. उन्होंने कहा, "उन्होंने (अजित) 2019 के चुनावों में मेरी बहुत मदद की और चूंकि वह मेरे चाचा हैं, इसलिए उनके पैर छूना मेरी जिम्मेदारी थी. चव्हाण साहब ने इस धरती पर जो परंपरा और मूल्य छोड़े हैं, उनका पालन करने की जरूरत है और हम वही कर रहे हैं."

अजीत पवार पर सवाल को लेकर रोहित ने क्या कहा 

अजीत पवार के दोस्ताना लहजे के बारे में पूछे जाने पर रोहित पवार ने कहा कि यह सच है कि अगर उनके चाचा ने कर्जत जामखेड में रैली की होती तो चीजें अलग होतीं. उन्होंने कहा, "लेकिन वह बारामती में व्यस्त थे और निर्वाचन क्षेत्र में आने का समय नहीं निकाल पाए."

बाद में अजीत पवार ने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, "मैंने ऐसा नहीं कहा. मैंने केवल उन्हें बधाई दी और उनके अच्छे काम की कामना की." अजीत पवार ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में NCP (SP) उम्मीदवार युगेंद्र पवार को हराकर अपनी बारामती सीट को एक लाख से अधिक मतों से बरकरार रखा, जो उनके भतीजे भी हैं.