Mehbooba Mufti: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जम्मू-कश्मीर यात्राओं की तुलना करते हुए दूरदर्शी राजनेता और अल्पदर्शी नेता के अंतर को रेखांकित किया. यह टिप्पणी PDP की धारा 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बदलने के मोदी सरकार के "एकतरफा" फैसले पर असंतोष के संदर्भ में आई.
वाजपेयी और मोदी के नेतृत्व में अंतर
महबूबा मुफ्ती ने 2003 में वाजपेयी की श्रीनगर यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि अंतर साफ है. 2003 में, भाजपा के प्रधानमंत्री वाजपेयी ने श्रीनगर यात्रा के दौरान मुफ्ती साहब की शांति और गरिमा के दृष्टिकोण पर भरोसा जताया, जबकि PDP के पास केवल 16 विधायक थे. वहीं, आज हमारे मुख्यमंत्री, 50 विधायकों के साथ, दिल्ली के अगस्त 2019 के एकतरफा फैसलों को स्वीकारने और सामान्य करने में लगे हुए हैं.
उन्होंने वाजपेयी के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मुफ्ती साहब की कमान बारिश रोक सकती है, तो सोचिए कि वह जम्मू-कश्मीर की स्थिति को कितनी तेजी से सुधार सकते हैं.
बदलते राजनीतिक दृष्टिकोण
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी इस संदर्भ में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर कटाक्ष किया. उन्होंने सोशल मीडिया पर अब्दुल्ला के उस पुराने बयान को साझा किया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की आलोचना की थी. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार का धन्यवाद किया कि उन्होंने क्षेत्र में समय पर चुनाव कराए.
इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी से जम्मू-कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की अपील की. प्रधानमंत्री मोदी ने गंदरबल में 6.5 किलोमीटर लंबे ज़-मोहर सुरंग का उद्घाटन किया, जो सालभर सोनमर्ग पर्यटन स्थल तक पहुंच सुनिश्चित करेगा.