Bahujan Samaj Party Supremo Mayawati: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर अपने कड़े रुख का परिचय दिया है. पहले अपने भतीजे आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने के बाद अब खुद आकाश आनंद को भी सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है. इस फैसले ने न सिर्फ पार्टी के भीतर बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है. मायावती ने साफ संदेश दिया है कि पार्टी और मूवमेंट से बढ़कर उनके लिए कुछ नहीं है. आइए, इस फैसले के पीछे की वजहों को विस्तार से समझते हैं.
आकाश आनंद पर क्यों हुई कार्रवाई?
मायावती ने प्रेस रिलीज में पार्टी के संस्थापक कांशीराम का हवाला देते हुए कहा, कांशीराम जी ने कभी अपने रिश्तेदारों को पार्टी में काम करने से मना नहीं किया, लेकिन यह भी कहा था कि अगर वे मेरे नाम का दुरुपयोग कर पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे, तो उन्हें तुरंत बाहर कर दिया जाएगा. इसी सिद्धांत का पालन करते हुए मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी से अलग करने का फैसला लिया. अब आकाश को भी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा रहा है."
02-03-2025-BSP RELEASE-ALL INDIA PARTY MEETING PHOTOS pic.twitter.com/CzR35nsWlW
— Mayawati (@Mayawati) March 2, 2025
ससुर और दामाद पर एक के बाद एक एक्शन
आकाश आनंद लंबे समय से बसपा में सक्रिय थे और उन्हें कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं. लेकिन हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद मायावती ने उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. अब भतीजे पर भी कार्रवाई ने सवाल खड़े किए हैं कि आखिर मायावती अपने ही परिवार पर इतनी सख्ती क्यों दिखा रही हैं. मायावती ने इसका जवाब देते हुए कहा, अशोक सिद्धार्थ ने उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में पार्टी को दो गुटों में बांटकर कमजोर करने का घिनौना काम किया, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
उन्होंने आगे आकाश के बारे में कहा, अशोक सिद्धार्थ की बेटी से आकाश की शादी हुई है. अब यह देखना जरूरी है कि उस लड़की पर अपने पिता का कितना प्रभाव है और आकाश पर उसका कितना असर पड़ता है. यह सब अभी सकारात्मक नहीं दिख रहा. इसलिए पार्टी और मूवमेंट के हित में आकाश को सभी जिम्मेदारियों से अलग करना पड़ा. मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि आकाश का सियासी सफर खराब करने के लिए उनके ससुर ही जिम्मेदार हैं.
भाई आनंद कुमार पर फिर से भरोसा
आकाश को बाहर करने के साथ ही मायावती ने अपने भाई आनंद कुमार को फिर से बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर बनाया गया है. मायावती ने कहा, आनंद कुमार पहले की तरह ही पार्टी का काम देखते रहेंगे. वे मेरे लखनऊ और बाहर के दौरे के दौरान भी सभी कार्य संभालते हैं. उन्होंने कभी पार्टी या मूवमेंट को नुकसान नहीं पहुंचाया. यह कदम दर्शाता है कि जहां मायावती भतीजे से नाराज हैं, वहीं अपने भाई पर उनका विश्वास अब भी कायम है.
अब कोई उत्तराधिकारी नहीं
मायावती ने एक और चौंकाने वाला ऐलान किया. लोकसभा चुनाव में उन्होंने आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन अब कहा, मेरे जीते जी कोई भी पार्टी का उत्तराधिकारी नहीं होगा. इस बयान से उन्होंने साफ कर दिया कि पार्टी और मूवमेंट को लेकर उनकी प्राथमिकता अडिग है और वह किसी भी कीमत पर इसे कमजोर नहीं होने देंगी.
पार्टी से बढ़कर कुछ नहीं
मायावती का यह फैसला उनके उस दृढ़ संकल्प को दर्शाता है कि वे पार्टी और मूवमेंट को अपने परिवार से भी ऊपर रखती हैं. पहले ससुर और अब दामाद पर कार्रवाई कर उन्होंने यह संदेश दिया है कि कोई भी पार्टी के हितों के खिलाफ नहीं जा सकता, चाहे वह कितना भी करीबी क्यों न हो. यह कदम बसपा के भविष्य को लेकर कई सवाल भी खड़े करता है.