Waqf Amendment Bill protest: पिछले कुछ दिनों से वक्फ (संशोधन) को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. ऐसे में कल यानी मंगलवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इसके खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया. बता दें, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) को भारत में मुस्लिम धर्मगुरुओं की सर्वोच्च संस्था माना जाता है.
AIMPLB की ओर से शुरू किए गए इस विरोध प्रदर्शन में टीएमसी की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई समेत कई बड़े विपक्षी नेता मौजूद रहे.
न्यूनतम सहमति का ख्याल रखना
इस बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत ने केंद्र की एनडीए सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) अल्पसंख्यकों के लिए एक विशेष संगठन है. अगर यह संगठन कुछ कहता है तो उसे ध्यान से सुनना चाहिए. कुछ भी करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि अल्पसंख्यक उससे सहमत हैं या नहीं. अगर ऐसा संभव नहीं है तो भी हमें उनकी न्यूनतम सहमति का ख्याल रखना चाहिए. ताकि उन्हें ऐसा न लगे कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.
हरीश रावत और सपा सांसद ने भी दिया बयान
हरीश रावत ने आगे कहा कि सरकार की इस कार्रवाई के बाद मुस्लिम लोगों का मानना है कि सरकार वक्फ संपत्तियों और उसकी स्वतंत्रता को पूरी तरह से खत्म कर देगी. उन्हें ऐसा नहीं लगना चाहिए कि हम उनके साथ धक्का कर रहे हैं. अगर ऐसा हुआ तो हमारा पड़ोसी देश और भी ज्यादा मजबूर हो जाएगा.
इस प्रदर्शन में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव भी शामिल हुए. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा कि अखिलेश यादव समेत पूरी समाजवादी पार्टी आपके साथ खड़ी है. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम आखिरी सांस तक आपके साथ लड़ेंगे. अगर हमें कोर्ट भी जाना पड़ा तो हम हर कदम पर आपके साथ हैं.