महाराष्ट्र चुनाव के बीच आयोग का बड़ा फैसला, DGP रश्मि शुक्ला को हटाया, विपक्ष ने किया स्वागत

DGP Rashmi Shukla transferred: इस महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला किया है. चुनाव से पहले आयोग ने DGP रश्मि शुक्ला का तबादला कर दिया है. चुनाव आयोग के इस फैसले से विपक्ष की सरकार बहुत खुश है. रश्मि शुक्ला पर आरोप है कि वो विपक्षी दलों के खिलाफ पक्षपात और अवैध फोन टैपिंग करती है.

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DGP Rashmi Shukla transferred: महाराष्ट्र में चुनाव आयोग ने सोमवार को राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला को उनके पद से हटा दिया. यह कदम कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद उठाया गया, जिसमें शुक्ला पर विपक्षी दलों के खिलाफ पक्षपात करने और अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाया गया था. कांग्रेस ने एक पत्र में डीजीपी रश्मि शुक्ला पर राज्य में विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के नेताओं के खिलाफ कथित तौर पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को पत्र लिखकर शुक्ला को उनके पद से हटाने की मांग की थी.

पटोले ने अपने पत्र में दी  जानकारी 

पटोले ने अपने पत्र में कहा कि शुक्ला ने अपने कार्यकाल में विपक्षी नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप किए थे. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि डीजीपी शुक्ला ने विभिन्न पुलिस अधिकारियों को विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के निर्देश दिए. पटोले के अनुसार, पिछले 20 दिनों में महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के खिलाफ राजनीतिक हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति में गिरावट आई है.

चुनाव आयोग के निर्देशानुसार, राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया गया है कि वे शुक्ला का प्रभार महाराष्ट्र कैडर के अगले सबसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को सौंप दें. गौरतलब है कि इससे पहले झारखंड में भी चुनाव आयोग ने डीजीपी को आदर्श आचार संहिता लागू होते ही हटाने का आदेश दिया था.

आरोप है कि विपक्षी नेताओं के फोन टैप किए गए

कांग्रेस का आरोप है कि रश्मि शुक्ला ने पुणे पुलिस कमिश्नर और राज्य खुफिया विभाग में अपनी पूर्व नियुक्तियों के दौरान विपक्षी नेताओं के फोन अवैध तरीके से टैप किए थे. इस मुद्दे को कांग्रेस ने कई बार उठाया और चुनाव आयोग को विभिन्न मौकों पर पत्र लिखकर और प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले का उल्लेख किया.

महा विकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी इस मसले पर चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की थी. एमवीए ने यह आरोप लगाया कि राज्य की कानून-व्यवस्था में बिगड़ती स्थिति के पीछे विपक्ष के खिलाफ रश्मि शुक्ला का पक्षपातपूर्ण रवैया है. इस पूरे घटनाक्रम से राज्य में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. अब देखना होगा कि चुनाव आयोग के इस कदम के बाद राज्य की कानून व्यवस्था और विपक्षी दलों की सुरक्षा पर इसका क्या असर पड़ता है.