NEET UG और MBBS को लेकर जानें सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा? आया बड़ा अपडेट

आप विदेश के किसी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने की सोच रहे हैं, तो आपको अब एक जरूरी कदम उठाना होगा. अब आपको इसके लिए NEET UG परीक्षा पास करनी होगी. यह बड़ा अपडेट सुप्रीम कोर्ट से आया है, जिसमें विदेश से मेडिकल कोर्स करने के लिए NEET UG की वैधता को बरकरार रखा गया है. इसका मतलब यह है कि अब विदेश में एमबीबीएस के लिए एडमिशन लेने वाले भारतीय छात्रों को पहले NEET UG परीक्षा पास करनी होगी.

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Courtesy: social media

Supreme Court on MBBS: अगर आप विदेश के किसी मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने की सोच रहे हैं, तो आपको अब एक जरूरी कदम उठाना होगा. अब आपको इसके लिए NEET UG परीक्षा पास करनी होगी. यह बड़ा अपडेट सुप्रीम कोर्ट से आया है, जिसमें विदेश से मेडिकल कोर्स करने के लिए NEET UG की वैधता को बरकरार रखा गया है. इसका मतलब यह है कि अब विदेश में एमबीबीएस के लिए एडमिशन लेने वाले भारतीय छात्रों को पहले NEET UG परीक्षा पास करनी होगी.

एमसीआई का नियम और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने एक नियम जारी किया था, जिसके तहत किसी भी भारतीय छात्र को विदेशी मेडिकल संस्थान से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए NEET UG परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया गया था. हालांकि, इस नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने एमसीआई के इस नियम को बदलने से इनकार कर दिया है और इसे जस का तस बरकरार रखा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह नियम पारदर्शी और निष्पक्ष है और यह किसी भी वैधानिक प्रावधान से टकराता नहीं है. कोर्ट ने यह भी कहा कि यह नियम भारतीय छात्रों को वैश्विक स्तर पर मेडिकल शिक्षा के उच्च मानकों के अनुरूप बनाए रखने के लिए जरूरी है. 

NEET UG परीक्षा की अनिवार्यता

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भारतीय छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है जो विदेश में एमबीबीएस करने का सपना देखते हैं. अब तक ऐसे छात्रों को बिना NEET परीक्षा के भी कई विदेशी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन मिल सकता था, लेकिन अब इसके लिए NEET UG पास करना अनिवार्य होगा. 

यह फैसला छात्रों को भविष्य में मेडिकल शिक्षा के प्रति अधिक गंभीर और जिम्मेदार बनाएगा, साथ ही यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय छात्र वैश्विक चिकित्सा मानकों के अनुरूप शिक्षा प्राप्त करें.

एमसीआई का 2018 का नियम

एमसीआई का यह नियम 2018 से लागू है, जिसमें कहा गया था कि विदेशों से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को मेडिकल प्रैक्टिस के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करना होगा. इसका उद्देश्य यह था कि भारतीय छात्र विदेश में मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने के बाद देश में मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए योग्य हों. 

यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला भारतीय छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अपडेट है, जो विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करने का सपना देख रहे थे. अब उन्हें पहले NEET UG परीक्षा पास करनी होगी, जिसके बाद ही वे किसी भी विदेशी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं. यह कदम छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, जिससे उन्हें उच्च चिकित्सा मानकों से लैस शिक्षा मिल सकेगी.