पत्रकार और लेखिका हुमरा कुरैशी का निधन, 70 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

अनुभवी पत्रकार और लेखिका हुमरा कुरैशी ने गुरुग्राम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 70 वर्ष की थीं। हुमरा कुरैशी ने लेखक और स्तंभकार के रूप में काम किया.

Date Updated
फॉलो करें:

Humra Qureshi Passed Away :अनुभवी पत्रकार और लेखिका हुमरा कुरैशी की हृदय गति रुकने और मधुमेह संबंधी परेशानियों के कारण मौत हो गई. हुमरा कुरैशी सत्य, न्याय के समर्थक और हाशिये पर पड़े लोगों के लिए एक चैंपियन के रूप में जानी जाती थी. उनकी बेटी सारा कुरैशी ने पीटीआई को बताया कि उनकी मां हुमरा कुरैशी (70) ने गुरुवार को गुरुग्राम के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली.

25 अप्रैल 1956 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जन्मी हुमरा कुरैशी ने लेखक और स्तंभकार के रूप में काम किया. एक पत्रकार के रूप में कश्मीर को कवर करने में लंबे समय तक रहने के बाद कुरैशी ने "कश्मीर: द अनटोल्ड स्टोरी" प्रकाशित की, जो क्षेत्र के उनके कवरेज पर आधारित उनके सामूहिक लेखन का एक खंड है. इसके बाद एक उपन्यास "मीर" प्रकाशित हुआ, जो घाटी पर आधारित एक प्रेम कहानी है.

उनके कुछ अन्य उल्लेखनीय कार्यों में "व्यूज: योर्स एंड माइन", "मोर बैड टाइम टेल्स", और संकलन "चेंजिंग द गुड लाइफ: ऑन बीइंग सिंगल" और "ऑफ मदर्स एंड अदर्स" में योगदान शामिल हैं. कुरैशी ने पत्रकार-लेखक खुशवंत सिंह के साथ कई पुस्तकों और प्रकाशनों पर भी काम किया, जिनमें "एब्सोल्यूट खुशवंत" और "द गुड, द बैड एंड द रिडिकुलस" शामिल हैं.

"द गुड, द बैड एंड द रिडिकुलस" में इस जोड़ी ने जवाहरलाल नेहरू, कृष्ण मेनन, इंदिरा गांधी, संजय गांधी, अमृता शेरगिल, मुहम्मद अली जिन्ना, मदर टेरेसा और फैज अहमद फैज जैसे दिग्गजों को पेश किया. इसे उपमहाद्वीप का "अंतरंग, असम्मानजनक आधुनिक इतिहास" कहा गया. कुरैशी के निधन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर श्रद्धांजलि दी जा रही है.

(इस खबर को सलाम हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की हुई है)