India-France Deal: सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. यह भारत के अब तक के सबसे बड़े लड़ाकू विमान सौदे को मंजूरी है. इस सौदे के तहत भारत 63,000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का डिफेंस इक्विपमेंट फ्रांस के साथ सरकार-से-सरकार समझौते के तहत खरीदने के लिए तैयार है.
फ्रांस और भारत के इस समझौते में सिंगल-सीटर और चार ट्विन-सीटर राफेल मरीन जेट शामिल हैं. इसमें बेड़े के रखरखाव, रसद, कर्मियों के प्रशिक्षण और ऑफसेट दायित्वों के तहत स्वदेशी विनिर्माण को कवर करने वाला एक व्यापक समर्थन पैकेज भी शामिल है.
मिल रही जानकारी के मुताबिक इस डील पर हस्ताक्षर होने के लगभग पांच साल बाद राफेल एम जेट की डिलीवरी शुरू होने की उम्मीद है. विमान को भारत के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर तैनात किया जाएगा और यह नौसेना के मौजूदा मिग-29K बेड़े के साथ काम करेगा. भारतीय वायु सेना (IAF) पहले से ही अंबाला और हाशिमारा में अपने ठिकानों से 36 राफेल जेट उड़ाती है.
नए राफेल मरीन अधिग्रहण से IAF की क्षमताओं में भी वृद्धि होने की उम्मीद है. विशेष रूप से इसके "बडी-बडी" हवाई ईंधन भरने की प्रणाली के उन्नयन के माध्यम से क्षमताओं में वृद्धि की संभावना जताई गई है. यह लगभग 10 IAF राफेल जेट को बीच हवा में अन्य को ईंधन भरने की अनुमति देगी, जिससे उनकी परिचालन सीमा बढ़ जाएगी. इस महीने के अंत में फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू की भारत यात्रा के दौरान इस सौदे पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है.