कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में उसकी सरकार बनने पर पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय बनाने के साथ ही बजट का प्रावधान किया जाएगा ताकि स्वास्थ्य, शिक्षा समेत उनकी तमाम समस्याओं का समाधान हो सके.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, कांग्रेस की सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, पार्टी नेता कन्हैया कुमार और प्रणव झा ने पूर्वांचली लोगों से जुड़े मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार पर निशाना साधा और अलग मंत्रालय का वादा किया. ये सभी नेता मूल रूप से पूर्वांचली हैं. उन्होंने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह आरोप भी लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आप ने पूर्वांचलियों की अनदेखी की है. कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले ही वादा किया था कि दिल्ली में उसकी सरकार बनने पर छठ का पर्व महाकुंभ की तर्ज पर मनाया जाएगा.
अखिलेश प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को कहा, ‘‘एक तरफ अरविंद केजरीवाल जी पूर्वांचल के लोगों को ये कहकर अपमानित करते हैं के वे 500 रुपये का टिकट कटाकर आते हैं और पांच लाख का इलाज करा के चले जाते हैं. दूसरी तरफ जेपी नड्डा जी हमारी तुलना बांग्लादेशी घुसपैठियों से करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा वादा है कि हम पूर्वांचल के लोगों के लिए अलग मंत्रालय बनाएंगे. उनके लिए अलग बजट बनाया जाएगा ताकि स्वास्थ्य, शिक्षा समेत तमाम समस्याओं से निजात मिल सके.’’
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘पूर्वांचल के लोगों ने देश के कोने-कोने में जाकर, उन जगहों के सृजन का काम किया है, लेकिन ये शर्मनाक है कि उन्हें उनका हक देने के समय बेईमानी की जाती है.’’ श्रीनेत ने कहा, ‘‘इसलिए कांग्रेस ने पूर्वांचल के लिए अलग मंत्रालय बनाने की घोषणा की है. ये एक प्रतिबद्धता है कि हम उनके मुद्दों को लेकर सजग हैं. पूर्वांचल के लोगों ने दिल्ली और देश का मान-सम्मान बढ़ाया है, उनके लिए अलग मंत्रालय बनना जरूरी है. आप एवं भाजपा ने 30-35 लाख लोगों को नजरअंदाज कर सिर्फ वोट बैंक बनाने का जो पाप किया है, उसका अंत करना होगा.’’
कन्हैया कुमार ने कहा, ‘‘इतिहास उठाकर देख लीजिए, दिल्ली हमेशा से सबकी रही है, लेकिन अक्सर चुनाव के समय पूर्वांचलियों को गाली की तरह इस्तेमाल किया जाता है. कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पूर्वांचल के लोगों के साथ ही हर वर्ग का विकास करना है. इसलिए जब आप कांग्रेस की गारंटियों को देखेंगे- जिन्हें 'कांग्रेस का कूपन' नाम दिया गया है. इसमें सभी की बात हो रही है.’’ दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए पांच फरवरी को मतदान होगा. मतगणना आठ फरवरी को होगी.
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