"अगर मसाज और स्पा कंपनियां एग्जिट पोल करें तो...", दिल्ली एग्जिट पोल पर संजय सिंह का तंज

आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल के नतीजों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बढ़त दिखाने वाले इन सर्वेक्षणों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर मसाज और स्पा चलाने वाली कंपनियां एग्जिट पोल करेंगी .

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Delhi Elections ExitPoll 2025: आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजय सिंह ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर जारी एग्जिट पोल के नतीजों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बढ़त दिखाने वाले इन सर्वेक्षणों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर मसाज और स्पा चलाने वाली कंपनियां एग्जिट पोल करेंगी, तो उनके नतीजों की स्थिति क्या होगी, यह सभी जानते हैं.

AAP बनाएगी सरकार

संजय सिंह ने कहा, "AAP दिल्ली में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. जनता हमारे उठाए गए मुद्दों से पूरी तरह सहमत है." उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे 8 फरवरी तक इंतजार करें, जब चुनावी नतीजे वास्तविक तस्वीर सामने लाएंगे.

एग्जिट पोल में BJP को बढ़त

दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कई एग्जिट पोल सामने आए, जिनमें बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है, जबकि कांग्रेस एक बार फिर खराब प्रदर्शन करती नजर आ रही है.

मेट्रिज एग्जिट पोल:

इस सर्वे के अनुसार, बीजेपी को 35 से 40 सीटें, जबकि AAP को 32 से 37 सीटें मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को 0 से 1 सीट मिल सकती है.

पीपल्स पल्स एग्जिट पोल:

इस एग्जिट पोल के मुताबिक, एनडीए को 51 से 60 सीटें, AAP को 10 से 19 सीटें, और कांग्रेस को 0 सीट मिलने की संभावना जताई गई है.

पीपल्स इनसाइट एग्जिट पोल:

इस सर्वेक्षण में एनडीए को 40 से 44 सीटें, AAP को 25 से 29 सीटें और कांग्रेस को 0 से 1 सीट दी गई है.

पी-मार्क एग्जिट पोल:

इस पोल में बीजेपी और सहयोगियों को 39 से 49 सीटें, AAP को 21 से 31 सीटें और कांग्रेस को 0 से 1 सीट मिलने का अनुमान है.

जेवीसी एग्जिट पोल:

इस सर्वेक्षण में बीजेपी गठबंधन को 39 से 45 सीटें, AAP को 22 से 31 सीटें और कांग्रेस को 0 से 2 सीटें मिल सकती हैं.

क्या 8 फरवरी को बदलेगी तस्वीर?

सभी एग्जिट पोल के आंकड़े अलग-अलग हैं, लेकिन अधिकतर सर्वे में बीजेपी को बढ़त मिलती दिख रही है. हालांकि, संजय सिंह और AAP इसे सिरे से नकार रहे हैं. अब सभी की निगाहें 8 फरवरी के नतीजों पर टिकी हैं, जो साफ कर देगा कि दिल्ली की जनता ने किसे अपना अगला नेतृत्व सौंपा है.