शादी के बाद किसी और के साथ लिव-इन में रहने वाले जोड़ों को मिले सुरक्षा: हाईकोर्ट

Highcourt  News: हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई में कहा कि लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े में से अगर कोई भी एक व्यक्ति विवाहित है तो ऐसे लोगों को कई परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस कारण ऐसे लोगों को सुरक्षा दी जानी चाहिए. 

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Courtesy: pexels

Highcourt  News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहा हर वह जोड़ा सुरक्षा का हकदार है, जिन्हें कोई खतरा हो. भले ही जोड़े में रह रहे व्यक्ति किसी और के साथ विवाहित क्यों न हों. एक मामले की सुनवाई करते हुए पीठ ने यह फैसला सुनाया है. 

यश पाल बनाम राज्य सरकार के एक मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस सुदिप्ति शर्मा वाली बेंच ने कहा कि ऐसे लिव-इन रिलेशनशिप के सामाजिक और नैतिक प्रभाव के बाद भी उस जोड़े को विभिन्न स्वरूपों में स्वायत्तता दी गई है. बेंच ने कहा कि जब लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़े में से अगर कोई एक विवाहित होता है तो ऐसे में उन्हें परिवार के सदस्यों या किसी कथित समाजिक ठेकेदार द्वारा धमकियां दी जाती है.

ऐसे में लिव-इन में रह रहे जोड़ों को सुरक्षा का दावा करने का भी हक है.वहीं, कोर्ट ने कहा है कि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े में से किसी भी साथी का अगर कोई नाबालिग बच्चा है तो अदालत माता-पिता को उस बच्चे की देखभाल करने का निर्देश भी दे सकती है. खंडपीठ ने सुरक्षा मामले में सिंगल बेंच के फैसले में दिए गए संदर्भ का उत्तर देते हुए यह फैसला दिया है.