गोवा के राज्यपाल पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने हाल ही में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित लीबिया सरदेसाई से मुलाकात की और उनके योगदान को सराहा. यह मुलाकात गोवा मुक्ति आंदोलन में सरदेसाई की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने के लिए आयोजित की गई थी, जिन्होंने राज्य के स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया.
गोवा मुक्ति आंदोलन में सरदेसाई का योगदान
लीबिया सरदेसाई, गोवा मुक्ति आंदोलन की एक प्रमुख हस्ती हैं. उनका जीवन संघर्ष और स्वतंत्रता संग्राम की अनगिनत कहानियों से भरा हुआ है. राज्यपाल पिल्लई ने सरदेसाई के अद्वितीय साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा, "लीबिया जी ने गोवा के स्वतंत्रता संग्राम में अपनी अहम भूमिका निभाई. उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उनकी वीरता और संघर्ष ने आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का कार्य किया है."
पद्मश्री पुरस्कार का सम्मान
लीबिया सरदेसाई को हाल ही में उनके योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया था. यह पुरस्कार उन्हें उनके उत्कृष्ट सामाजिक और राजनीतिक कार्यों के लिए प्रदान किया गया था. राज्यपाल पिल्लई ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा, "यह पुरस्कार सिर्फ लीबिया जी के लिए नहीं, बल्कि पूरे गोवा के लिए गर्व का पल है."
संघर्ष और समर्पण का प्रतीक
सरदेसाई ने अपनी पूरी जिंदगी गोवा के स्वतंत्रता संग्राम में समर्पित कर दी. उनका संघर्ष केवल एक स्वतंत्र राज्य की प्राप्ति तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने राज्य के लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी काम किया. उनकी यह कड़ी मेहनत और समर्पण न केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज है, बल्कि आज भी गोवा के लोग उन्हें श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं.
गोवा की सांस्कृतिक धरोहर
लीबिया सरदेसाई ने गोवा की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनका योगदान राज्य की संस्कृति, कला और समाज के विभिन्न पहलुओं में देखा जा सकता है. राज्यपाल पिल्लई ने कहा, "गोवा की सांस्कृतिक विरासत को बचाने और उसे आगे बढ़ाने में लीबिया जी का योगदान अभूतपूर्व है."
राज्यपाल पिल्लई की लीबिया सरदेसाई से मुलाकात ने उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. उनका जीवन और संघर्ष गोवा के इतिहास का अभिन्न हिस्सा हैं. गोवा मुक्ति आंदोलन में उनकी भूमिका ने उन्हें एक ऐतिहासिक स्थान दिलवाया है और पद्मश्री पुरस्कार इस सम्मान का साक्षी है.