ग्रामीण डाक कर्मियों के लिए अच्छी खबर! केंद्र सरकार ने शुरू की ये योजना

मंत्री वैष्णव ने कहा, 'ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण डाकिए डाक व्यवस्था की रीढ़ हैं। 2.5 लाख से अधिक ग्रामीण डाकिए हमारे देश के दूरदराज के हिस्सों में वित्तीय सेवाएं, पार्सल वितरण और अन्य सेवाएं प्रदान करते हैं।

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को डाक विभाग में कार्यरत 2.56 लाख से अधिक ग्रामीण डाक सेवकों (जीडीएस) को लेकर बड़ा फैसला लिया। उन्होंने जीडीएस की सेवा शर्तों में सुधार के लिए वित्तीय सहायता योजना लागू करने का निर्णय लिया है।

इस योजना के तहत 12, 24 और 36 साल तक सेवा दे चुके डाक कर्मियों को हर साल क्रमश: 4,320 रुपये, 5,520 रुपये और 7,200 रुपये की सहायता दी जाएगी। यह राशि 'समय संबंधी निरंतरता भत्ता (टीआरसीए)' के रूप में दिए जाने वाले एकमुश्त पारिश्रमिक से अलग है।

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, 'ग्रामीण इलाकों में ग्रामीण डाकिए डाक व्यवस्था की रीढ़ हैं। 2.5 लाख से अधिक ग्रामीण डाकिए हमारे देश के दूरदराज के हिस्सों में वित्तीय सेवाएं, पार्सल वितरण और अन्य सेवाएं प्रदान करते हैं। यह जीडीएस की सेवा शर्तों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. साथ ही, ग्रामीण डाक सेवाओं की सेवा शर्तों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम से 2.56 लाख से अधिक जीडीएस को लाभ होगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लक्ष्य डाक नेटवर्क को सेवा वितरण नेटवर्क में बदलना है. उन्होंने कहा कि सरकार ने देश के सभी डाकघरों को डिजिटल कर दिया है जिसमें पासपोर्ट सेवा, आधार सेवा और डाक निर्यात केंद्र जैसी नई सेवाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि 1.25 करोड़ से अधिक नागरिकों ने डाकघरों के माध्यम से अपना पासपोर्ट बनवाया है और 10 करोड़ से अधिक नागरिकों ने डाकघरों के माध्यम से आधार सेवाओं का लाभ उठाया है।