Kumbh Mela 2025: इस बार पूर्ण महाकुंभ का आयोजन 144 साल बाद हो रहा है. सनातन धर्मावलंबियों के लिए यह बहुत बड़ा धार्मिक आयोजन है. इसकी शुरुआत भी आज से हो गई है. हाल ही में आई एक खबर के मुताबिक एक ही दिन में 40 लाख से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ में डुबकी लगाई है. आज कुंभ का पहला दिन है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में लोगों का वहां पहुंचना कोई छोटी बात नहीं है. अगर कुंभ मेले के दौरान शेयर बाजार की बात करें तो अक्सर देखा जाता है कि इस दौरान यह डूब जाता है. इसके पीछे क्या वजह है? पिछले 20 सालों में कुंभ का भी आयोजन हुआ है, उस दौरान प्लांट की हालत अच्छी नहीं थी, हमारे ब्रांड क्या हैं?
महाकुंभ मेले का भारतीय शेयर बाजार पर क्या असर हुआ है, इसका एक उदाहरण सैमको सिक्योरिटीज ने दिया है. सैमको सिक्योरिटीज की रिपोर्ट की मानें तो पिछले 6 कुंभ मेलों में शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक कुंभ मेले की शुरुआत से लेकर आखिर तक बीएसई के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में लगातार गिरावट देखने को मिली है. इस बार कुंभ मेले के 52 दिनों के अंदर सेंसेक्स में 3.4 फीसदी की गिरावट की आशंका है.
बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स में गिरावट
कुंभ मेले के दौरान सेंसेक्स में सबसे बड़ी गिरावट साल 2015 में देखने को मिला था. उस दौरान बीएसई बेंचमार्क इंडेक्स में 8.3 फीसदी गिरावट देखने को मिला था. इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी गिरावट अप्रैल 2021 के कुंभ काल में 4.2 फीसदी गिरावट देखने को मिला था. अगर कुंभ मेले के दौरान सबसे कम गिरावट की बात करे तो साल 2010 में 1.2 फीसदी देखने को मिला था.
उसके ठीक 3 साल बाद 2013 में कुंभ मेले के दौरान 1.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. पुनः 3 साल बाद साल 2016 के कुंभ मेले के दौरान 2.4 फीसदी देखने को मिला था. इससे साफ होता है कि कुंभ मेले के दौरान कभी भी पॉजिटिव रिटर्न देखने को नहीं मिला है.
महाकुंभ के दौरान सेंसेक्स कैसा रहा