छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षा बलों के साथ एनकाउंटर, 12 नक्सली मारे गए इलाके में सर्च अभियान जारी

नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बीजापुर के जंगलों में गुरुवार सुबह 9 बजे मुठभेड़ शुरू हुई और देर शाम तक रुक-रुक कर जारी रही.छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए. इसके साथ ही इस महीने राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या 26 हो गई है.

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Chhattisgarh Encounter : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए. इसके साथ ही इस महीने राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए नक्सलियों की कुल संख्या 26 हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान दक्षिणी बीजापुर के जंगली इलाके में सुबह करीब नौ बजे मुठभेड़ शुरू हुई. देर शाम तक रुक-रुक कर गोलीबारी जारी रही.

इस ऑपरेशन में तीन जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन, एक विशिष्ट सीआरपीएफ जंगल युद्ध इकाई) की पांच बटालियन और सीआरपीएफ की 229वीं बटालियन के जवान शामिल थे.

अधिकारी ने पीटीआई के हवाले से बताया, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। क्षेत्र में तलाशी अभियान अभी भी जारी है, इसलिए विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. 

छत्तीसगढ़ में हाल की मुठभेड़ें
पुलिस ने बताया कि 12 जनवरी को छत्तीसगढ़ के बस्तर के बीजापुर जिले के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में तीन संदिग्ध माओवादी मारे गए. बीजापुर पुलिस के एक बयान के अनुसार, मुठभेड़ के बाद सुरक्षाकर्मियों ने तीन वर्दीधारी माओवादियों के शव बरामद किए. 11 जनवरी को शुरू किया गया यह अभियान क्षेत्र के घने जंगलों में माओवादी गतिविधि के बारे में खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया था.

इससे पहले 9 जनवरी को छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों के साथ एक और मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे. उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सुरक्षा बलों के प्रयासों की सराहना करते हुए नक्सल विरोधी अभियान की सफलता की पुष्टि की. मुठभेड़ सुकमा-बीजापुर सीमा पर जंगली इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुई.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 6 जनवरी को मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए आश्वासन दिया कि छत्तीसगढ़ में चरमपंथियों द्वारा मारे गए लोगों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.