Dhruv helicopter: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने सभी ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) की उड़ानें तब तक निलंबित रहेंगी जब तक 5 जनवरी को पोरबंदर में हुई दुर्घटना के मूल कारण का पता नहीं चल जाता. एक अधिकारी ने बताया कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) से प्राप्त प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार, दुर्घटना से तीन-चार सेकंड पहले पायलटों ने नियंत्रण खो दिया था.
पायलट और क्रू सदस्य हताहत
जून 2021 में एचएएल से शामिल किया गया यह एएलएच मार्क-III हेलीकॉप्टर 90 मिनट की प्रशिक्षण उड़ान पूरी करने के बाद अगले मिशन की तैयारी कर रहा था. यह 200 फीट की ऊंचाई पर मंडरा रहा था, जब पायलटों के नियंत्रण में यह विफल हो गया और जमीन पर गिर गया और आग लग गई. इस दुर्घटना में कमांडेंट सौरभ, डिप्टी कमांडेंट एसके यादव और एयर क्रू डाइवर मनोज प्रधान नाविक की मौत हो गई. इसी तरह, सितंबर 2023 में पोरबंदर में मेडिकल निकासी अभियान के दौरान हुए हादसे में कोस्ट गार्ड ने दो पायलट और एक एयरक्रू डाइवर को खो दिया था.
HAL ने दिया आश्वासन
रविवार को हुए हादसे के बाद सशस्त्र बलों ने सुरक्षा जांच के लिए अपने सभी 330 एएलएच हेलीकॉप्टरों को अस्थायी रूप से रोक दिया है. 2023 में चार बड़े हादसों के बाद तकनीकी जांच के लिए एएलएच बेड़े को कई बार रोका भी गया. हाल ही में बिजली चले जाने और गियर बॉक्स फेल होने जैसी समस्याएं भी सामने आई हैं. एचएएल ने कहा है कि वह इस हादसे के कारणों का जल्द से जल्द पता लगाने और सुरक्षित उड़ानें बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है. पोरबंदर में एचएएल की विशेषज्ञ टीम और तटरक्षक बल की जांच समिति मामले की गहराई से जांच कर रही है.