डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें बढ़ी:2002 हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस किया जारी; बरी होने पर मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को 2002 में पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या के मामले बारी होने पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट सोमवार सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश की जांच करने पर सहमत हो गया, जिसमें राम रहीम और चार अन्य को बरी किया गया था।

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हत्या के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले में राम रहीम और अन्य को नोटिस जारी किया और चार सप्ताह में जवाब मांगा है। दरअसल, जगसीर सिंह द्वारा एडवोकेट सत्य मित्रा के माध्यम से याचिका दायर की गई थी। जिसमें उच्च न्यायालय के इस साल 28 मई के आदेश को चुनौती दी गई है।

बलात्कार मामले में हुई 20 साल की सजा

उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि नवंबर 2023 में जांच करने वाली सीबीआई अपराध के मकसद को स्थापित करने में विफल रही और इसके बजाय आरोपी पक्ष का मामला "संदेह में घिरा हुआ" था। सिरसा मुख्यालय वाला डेरा प्रमुख राम रहीम, जो अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की जेल की सजा काट रहा है, हरियाणा के रोहतक में सुनारिया जेल में बंद है।

10 जुलाई 2002 को मारी गई थी गोली

10 जुलाई 2002 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र के खानपुर कोलियान गांव में डेरे के अनुयायी रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कथित तौर पर उनकी हत्या एक गुमनाम पत्र के सामने आने के बाद संदिग्ध भूमिका के लिए की गई थी। जिसमें बताया गया था कि कैसे डेरा प्रमुख राम रहीम द्वारा डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा था।

सीबीआई अदालत ने ठहराया था दोषी

बरी करने का फैसला हाईकोर्ट द्वारा राम रहीम और चार अन्य द्वारा दायर अपील पर आया था। जिन्हें अक्टूबर 2021 में हरियाणा के पंचकूला में विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया था। सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में राम रहीम, अवतार सिंह, कृष्ण लाल, जसबीर सिंह और सबदिल सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। एक आरोपी इंदर सैन की 2020 में मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी।

सह-आरोपियों के साथ मिलकर रची साजिश

राम रहीम को अपने सह-आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया था। सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, डेरा प्रमुख का मानना था कि गुमनाम पत्र के प्रसार के पीछे रणजीत सिंह का हाथ था और उसने उसकी हत्या की साजिश रची। 2017 में राम रहीम को दो शिष्याओं से बलात्कार के लिए 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में भी दोषी ठहराया गया था।