BPSC Exam Controversy: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा 13 दिसंबर को आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (CCE) को रद्द करने की मांग कर रहे अभ्यर्थियों पर रविवार को पटना में पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारी गांधी मैदान में जुटे थे, जहां उन्हें जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का समर्थन मिला.
जिला मजिस्ट्रेट चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने गांधी मैदान से जेपी गोलंबर की ओर मार्च करते समय बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की. इसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया और प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया.
प्रशांत किशोर पर FIR
प्रशासन ने गांधी मैदान में बिना अनुमति के हो रहे प्रदर्शन को अवैध घोषित कर दिया और प्रशांत किशोर, जन सुराज पार्टी के अध्यक्ष मनोज भारती, शिक्षक रामान्शु मिश्रा समेत 21 नामजद और 600-700 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. प्रशांत किशोर ने प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता व्यक्त की और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के पास दिल्ली जाने के लिए समय है, लेकिन युवाओं की समस्या सुनने के लिए नहीं. परीक्षा रद्द करने की मांग पूरी होने तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा. मैं हमेशा छात्रों के साथ हूं.
छात्रों का गुस्सा और प्रशासन का जवाब
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने उनके शांतिपूर्ण प्रदर्शन को दबाने की कोशिश की. एक उम्मीदवार ने कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि सरकार हमारे साथ ऐसा व्यवहार करेगी. हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं.
जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों के पांच प्रतिनिधियों से वार्ता करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन छात्रों के बीच समन्वय की कमी के कारण प्रतिनिधि तय नहीं हो सके. अभ्यर्थियों ने BPSC परीक्षा में सभी केंद्रों पर पेपर लीक होने का आरोप लगाया है और केवल एक केंद्र पर दोबारा परीक्षा कराए जाने को अनुचित बताया है. उनका कहना है कि परीक्षा पूरी तरह रद्द कर दोबारा परीक्षा कराई जानी चाहिए.