NEET-UG SC hearing: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण आदेश में NEET (UG) परीक्षा को साल में दो बार आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. यह याचिका इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए आयोजित होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) की तरह, NEET (UG) परीक्षा को भी साल में दो बार आयोजित करने की मांग कर रही थी.
न्यायालय की टिप्पणी
दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह निर्णय प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र का मामला है, और अदालतें इस प्रकार के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकतीं. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह सरकार का नीतिगत निर्णय है और इस पर विचार करना संबंधित अधिकारियों का काम है, न कि अदालत का.
प्रशासनिक निर्णय का अधिकार
न्यायालय ने कहा, "प्रार्थना पर विचार करना अधिकारियों का काम है. यह सरकार का नीतिगत निर्णय है." कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार या संबंधित निकायों द्वारा इस तरह के फैसले लेने का अधिकार है, और न्यायालय का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता है.
दिल्ली उच्च न्यायालय का यह निर्णय NEET (UG) परीक्षा को लेकर चल रही बहस में एक नया मोड़ लेकर आया है. अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस प्रकार के प्रशासनिक फैसले में अदालतों का हस्तक्षेप उचित नहीं है. अब यह देखना होगा कि क्या संबंधित अधिकारी इस मामले पर आगे कोई कदम उठाते हैं और NEET (UG) परीक्षा की आयोजन प्रक्रिया को लेकर कोई नया निर्णय लिया जाता है.