UPSC fraud Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को UPSC धोखाधड़ी मामले में बर्खास्त IAS प्रशिक्षु पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पहचान छुपाकर UPSC परीक्षा में अनुमति से अधिक बार प्रयास करने का लाभ उठाया.
सिस्टम में हेरफेर करने की साजिश का हिस्सा
जस्टिस चंद्रधारी सिंह की अध्यक्षता वाली बेंच ने इसे "सिस्टम को हेरफेर करने की बड़ी साजिश का हिस्सा" बताते हुए कहा कि जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा कि यह मामला न केवल संवैधानिक संस्था UPSC के खिलाफ धोखाधड़ी का है, बल्कि समाज के खिलाफ भी है. अदालत को prima facie इस बात का विश्वास है कि यह बड़ा षड्यंत्र है, जिसे उजागर करने के लिए जांच एजेंसी को पूरी छूट दी जानी चाहिए.
IAS से बर्खास्तगी
सितंबर में केंद्र सरकार ने पूजा खेडकर को IAS सेवा से बर्खास्त कर दिया था. अधिकारियों के मुताबिक, खेडकर को UPSC सिविल सेवा परीक्षा में अपनी पहचान छुपाकर आरक्षण का लाभ उठाने और प्रयासों की सीमा पार करने के आरोप में बर्खास्त किया गया. दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है. UPSC ने जुलाई में खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, जिसमें उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया.
आरोपों से किया इनकार
पूजा खेडकर ने सभी आरोपों से इनकार किया है. उनके खिलाफ UPSC और दिल्ली पुलिस ने अग्रिम जमानत का विरोध किया. UPSC ने अपनी शिकायत में कहा कि यह मामला परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को खतरे में डालने का है.