Delhi Election 2025 : दिल्ली विधानसभा चुनाव का आज ऐलान हो गया है. दिल्ली में एक चरण में चुनाव होना है. 5 फरवरी को राजधानी में वोंटिग होगी और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे. इसी के साथ दिल्ली में आचार संहिता लागू कर दी गई है. विधानसभा का मौजूदा कार्यलय 23 फरवरी को खत्म हो जाएगा.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, 10 जनवरी को नोटीफिकेशन जारी होने के बाद 17 जनवरी तक ही उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर सकेंगे. स्क्रूटनी 18 जनवरी तक की जाएगी, जबकि 20 जनवरी उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की आखिरी तारीख होगी.
#WATCH दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया, "दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को एक चरण में होगा। चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को जारी किए जाएंगे।" pic.twitter.com/b66BIp2n9l
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 7, 2025
1 करोड़ 55 लाख मतदाता
भारत निर्वाचन ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के अंतिम मतदाता सूची जारी करते हुए बताया है कि कुल 1 करोड़ 55 लाख 24 हजार 858 मतदाता पंजीकृत हुए है. इसमें से 84 लाख 49 हजार 654 पुरुष मतदाता है, जबकि 71 लाख 73 हजार 952 महिला है.
इससे पहले 4 जनवरी को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद और राघव चड्ढा ने दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट से मुलाकात कर कथित मतदाताओं के नाम हटाए जाने की शिकायत की थी. उनके आरोपों को नई दिल्ली जिला निर्वाचन अधिकारी ने इसे निराधार बताया था.
EVM से छेड़छाड का आरोप
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने EVM से छेड़छाड़ के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, EVM पूरी तरह से सुरक्षित हैं और मतगणना के लिए भरोसेमंद हैं. EVM से छेड़छाड़ के आरोप निराधार हैं. हम अब इसलिए अपनी बात रख रहे हैं क्योंकि चुनाव के दौरान ऐसा करना उचित नहीं होता. VVPAT युक्त EVM मतदान प्रक्रिया की सटीकता को सुनिश्चित करती है. पुराने पेपर बैलट की वापसी न केवल अनुचित है, बल्कि इसे पीछे की ओर ले जाने वाला कदम कहा जा सकता है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को बाधित करना प्रतीत होता है.
पिछली चुनाव भी सिंगल फेज में हुई थी
8 फरवरी 2020 को विधानसभा की सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में मतदान हुआ था. इसके बाद 11 फरवरी को नतीजे घोषित किए गए. आम आदमी पार्टी (AAP) ने 2020 के चुनाव में 53.57% वोट हासिल कर 62 सीटें जीती थीं. वहीं, भाजपा को 38.51% वोटों के साथ 8 सीटें मिली थीं. कांग्रेस के लिए यह चुनाव बेहद निराशाजनक रहा, क्योंकि उनका खाता तक नहीं खुला. उन्हें मात्र 4.26% वोट प्राप्त हुए थे. इससे पहले 2015 के चुनाव में भी कांग्रेस एक भी सीट जीतने में असफल रही थी.