एक महीने से अधिक समय से फरार करोड़पति पूर्व कांस्टेबल भोपाल कोर्ट पहुंचा, किया आत्मसमर्पण याचिका दायर

एक महीने से अधिक समय से फरार चल रहे करोड़पति पूर्व कांस्टेबल ने आखिरकार भोपाल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए याचिका दायर की है. यह मामला तब सामने आया जब आरोपी कांस्टेबल, जो सरकारी सेवा से इस्तीफा देने के बाद अपने अवैध संपत्ति मामलों के कारण चर्चा में था, ने कोर्ट में आत्मसमर्पण का अनुरोध किया.

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Courtesy: social media

एक महीने से अधिक समय से फरार चल रहे करोड़पति पूर्व कांस्टेबल ने आखिरकार भोपाल कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए याचिका दायर की है. यह मामला तब सामने आया जब आरोपी कांस्टेबल, जो सरकारी सेवा से इस्तीफा देने के बाद अपने अवैध संपत्ति मामलों के कारण चर्चा में था, ने कोर्ट में आत्मसमर्पण का अनुरोध किया.

फरारी के बाद आत्मसमर्पण

पूर्व कांस्टेबल, जो एक समय पर पुलिस विभाग में कार्यरत था, करीब एक महीने से फरार था. उसके खिलाफ कई गंभीर आरोप थे, जिसमें उसकी अवैध संपत्ति और भ्रष्टाचार शामिल था. जांच में यह बात सामने आई थी कि उसने लाखों रुपये की संपत्ति अर्जित की थी, जो उसकी सैलरी और सरकारी सेवा से कहीं अधिक थी. फरार होने के बावजूद, आरोपी ने आखिरकार अदालत में आत्मसमर्पण करने का फैसला किया.

अदालत में दायर की गई याचिका में, उसने अपने खिलाफ चल रही कानूनी कार्रवाई को लेकर पूरी जानकारी दी और आत्मसमर्पण करने की अनुमति मांगी. उसने यह भी कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार है.

करोड़पति कांस्टेबल के खिलाफ जांच

पूर्व कांस्टेबल के खिलाफ यह जांच तब शुरू हुई जब उसकी संपत्तियों की जानकारी सामने आई. पुलिस ने पाया कि उसने अपनी नौकरी के दौरान भारी मात्रा में अवैध संपत्ति अर्जित की थी. उसके खिलाफ कई भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए थे. जांच के दौरान, पुलिस को यह भी पता चला कि वह लंबे समय से सरकारी धन का गबन कर रहा था.

न्यायालय की प्रतिक्रिया

कोर्ट में दायर आत्मसमर्पण याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी को आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी और उसे अगले कदमों के लिए अदालत में पेश होने का आदेश दिया. न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपी को जेल भेजा जाएगा, जहां उसकी जांच जारी रहेगी.

फरार करोड़पति पूर्व कांस्टेबल का आत्मसमर्पण एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिससे इस मामले की जांच आगे बढ़ेगी. अदालत द्वारा दी गई अनुमति के बाद, अब आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है. यह मामला सरकारी कर्मचारियों की संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों पर सवाल उठाता है और यह दिखाता है कि कानूनी प्रक्रिया किसी भी स्थिति में रुकेगी नहीं.