Controlled Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में नवंबर 2024 में हुई हिंसा के मामले में नया मोड़ आ गया है. समाजवादी पार्टी के नेता और लोकसभा सांसद जियाउर रहमान बर्क (Zia Ur Rehman Barq) पर गंभीर आरोप लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक, शाही जामा मस्जिद सर्वे को लेकर हुई हिंसा में सपा सांसद और सदर जफर अली (Sadar Zafar Ali) मास्टरमाइंड हो सकते हैं. पुलिस ने केस डायरी कोर्ट में पेश की है, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
केस डायरी में क्या है खुलासा?
पुलिस ने सदर जफर अली एडवोकेट की केस डायरी को आज कोर्ट में दाखिल किया. सूत्रों का दावा है कि इस डायरी में साफ तौर पर जफर अली और जियाउर रहमान बर्क की भूमिका उजागर हुई है. "केस डायरी में सदर जफर अली का कबूलनामा है कि सपा सांसद का दबाव था कि वह भीड़ इकट्ठा कर सर्वे का विरोध करें," एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया. यह हिंसा उस समय भड़की थी जब स्थानीय अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वे होना था.
हिंसा का इतिहास और गिरफ्तारियां
नवंबर 2024 में हुई इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी. पहला सर्वे शांतिपूर्वक हुआ, लेकिन कुछ दिन बाद जब टीम दोबारा पहुंची, तो भारी भीड़ ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी. इसके बाद संभल में कई दिनों तक कर्फ्यू लगा रहा.
पुलिस ने अब तक 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कई अभी भी फरार हैं. सदर जफर अली को 23 मार्च 2025 को गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले एसआईटी ने उनकी गहन पूछताछ की थी. जफर अली की जमानत अर्जी पर 4 अप्रैल 2025 को ADJ कोर्ट में सुनवाई होगी.
क्या होगा अगला कदम?
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क से भी जल्द पूछताछ कर सकती है. इस मामले में राजनीतिक और कानूनी दोनों स्तर पर गहमागहमी बढ़ गई है. संभल हिंसा का यह मामला अब राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है.