India-China LAC Agreement: कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को भारत-चीन सीमा पर गश्त समझौते पर अपनी संतोष व्यक्त की. लेकिन उन्होंने एलएसी पर वर्तमान स्थिति और 2020 से पहले की स्थिति पर सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने चीनी अतिक्रमण के बारे में खुलकर नहीं बताया है, क्योंकि इस पर संसद में कभी चर्चा नहीं हुई.
कांग्रेस सांसद ने पूछा सवाल
मनीष तिवारी ने एएनआई से कहा, "अगर चीन के साथ कुछ सकारात्मक हुआ है, तो यह अच्छी बात है. लेकिन गंभीर सवाल अब भी हैं. 2020 से पहले स्थिति क्या थी? सरकार ने इस पर विस्तार से नहीं बताया." यह टिप्पणी विदेश मंत्रालय की घोषणा के बाद आई है, जिसमें बताया गया कि भारत-चीन सीमा पर गश्त व्यवस्था के लिए एक समझौता हुआ है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह समझौता कई हफ्तों की बातचीत का नतीजा है.
उन्होंने जनवरी 2023 में एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा लिखे गए एक पेपर का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया था कि भारत ने कुछ गश्ती बिंदुओं तक पहुंच खो दी है. उन्होंने यह भी पूछा कि गश्त पर हुए समझौते के बाद क्या उन बिंदुओं तक फिर से पहुंच हासिल हुई है. मनीष तिवारी ने चीनी प्रस्तावों पर भी स्पष्टीकरण मांगा और यह जानने की कोशिश की कि क्या वे संघर्ष सुलझाने का भी जिक्र करते हैं.
जून 2020 में एलएसी पर भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ा था, जिसमें दोनों पक्षों के लोग हताहत हुए थे. तब से दोनों देशों ने मामले को सुलझाने के लिए कई बार बातचीत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब कज़ान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करने वाले हैं, जो पांच वर्षों में दोनों नेताओं के बीच पहली औपचारिक बातचीत होगी.