Narayana Murthy: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति द्वारा 70 घंटे के कार्य सप्ताह के सुझाव को सख्ती से खारिज कर दिया है. उन्होंने इसे गैर-आवश्यक बताते हुए कहा कि भारत की प्रगति के लिए लंबे कार्य घंटे से अधिक महत्वपूर्ण दक्षता है. कार्ति ने कहा कि दैनिक जीवन पहले से ही संघर्षपूर्ण है, अव्यवस्थित बुनियादी ढांचे और सुविधाओं से जूझते हुए. लंबे कार्य घंटों का कोई मतलब नहीं है. हमें दक्षता और कार्य-जीवन संतुलन पर ध्यान देना चाहिए.
गौतम गोगोई की सहमति
कार्ति ने चार-दिन के कार्य सप्ताह की वकालत करते हुए सुझाव दिया कि भारत को 12 बजे सोमवार से 2 बजे शुक्रवार तक का शेड्यूल अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह सामाजिक संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है . कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने भी मूर्ति के विचारों का विरोध किया. उन्होंने कहा किजीवन केवल काम तक सीमित नहीं है. यह अपने परिवार, बच्चों और दोस्तों के लिए समय निकालने का भी नाम है.
नारायण मूर्ति का पक्ष
78 वर्षीय नारायण मूर्ति का मानना है कि भारत को वैश्विक स्तर पर खड़ा करने के लिए युवाओं को अधिक मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा कि अगर हम मेहनत नहीं करेंगे, तो कौन करेगा? 800 मिलियन भारतीय गरीबी में हैं और मुफ्त राशन पर निर्भर हैं. हमें उच्च लक्ष्य तय करने होंगे. यह बहस कार्य संस्कृति और जीवन संतुलन के महत्व पर ध्यान खींचती है. जहां एक ओर मूर्ति का विचार त्याग और मेहनत पर जोर देता है, वहीं दूसरी ओर नेता सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन पर जोर दे रहे हैं.