बजट 2024 से पहले महंगाई, बेरोजगारी पर कांग्रेस ने साधा निशाना, सरकार के खिलाफ शुरू किया हल्ला बोल

केंद्र सरकार की ओर से 18वीं लोकसभा का पूर्णकालिक बजट 23 जुलाई को पेश किया जाना है, जिससे पहले विपक्ष की कांग्रेस पार्टी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बजट को अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने वाला बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ‘असली भारत’ से दूर हो गई है.

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Congress Attack ahead of Union Budget: कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को केंद्रीय बजट से पहले केंद्र सरकार पर हमला बोला. केंद्रीय बजट 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, खपत, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और व्यापार असंतुलन समेत कई मुद्दों पर हमला बोला. 

असली भारत से दूर हो गई है बीजेपी

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बजट को 'बर्बाद आर्थिक परिदृश्य' बताते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 'असली भारत' से अलग हो गई है. उन्होंने कहा, 'बजट इस अलगाव को दर्शाता है और इससे केवल कुछ चुनिंदा लोगों को ही लाभ होगा.' 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'नौकरियों पर एक के बाद एक झूठ बोलकर आप युवाओं के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं!' इसके बाद वरिष्ठ सांसद ने भारतीय रिजर्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के बीच डेटा में विसंगतियों का हवाला देते हुए तीन सवाल पूछे.

ब्रिटिश काल से भी बदतर हैं मौजूदा हालत

श्रीनेत ने उल्लेख किया कि भारत में आर्थिक असमानता ब्रिटिश शासन के दौरान की तुलना में बदतर है. उन्होंने दावा किया, 'आज भारत की आबादी के सबसे ऊपर के 1% लोगों के पास देश की 40.10% संपत्ति है और भारत की सबसे नीचे की 50% आबादी के पास केवल 6.40% संपत्ति है.' उन्होंने महंगाई और लोगों के बीच आय के स्तर में गिरावट को लेकर केंद्र पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने उल्लेख किया कि खाद्य मुद्रास्फीति लगातार 9% के निशान से ऊपर रही है.

आय घट तो महंगाई बढ़ रही है

उन्होंने कहा, 'मुद्रास्फीति बढ़ रही है और इसके साथ ही लोगों के बीच आय के स्तर में भी गिरावट आई है. इस देश में करीब 48% परिवार घटती आय और बढ़ती कीमतों से पीड़ित हैं और इससे जीवित रहने के लिए बचत पर निर्भरता बढ़ रही है. उच्च कीमतों और बढ़ती मुद्रास्फीति ने वास्तव में देश के गरीब और मध्यम वर्ग की कमर तोड़ दी है. आज की वास्तविकता यह है कि इस देश के लोगों को भोजन, कपड़े, परिवहन और अन्य चीजों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है.' 

10.6 मिलियन नौकरियां चली गईं

महत्वपूर्ण आर्थिक मापदंडों को निर्धारित करते हुए, श्रीनेत ने कहा, 'बेरोजगारी इस साल के बजट में संबोधित किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक होना चाहिए. नोटबंदी, जीएसटी और कोविड के कारण अनौपचारिक क्षेत्र में 10.6 मिलियन नौकरियां चली गईं, साथ ही 270,000 केंद्रीय पीएसयू की नौकरियां भी चली गईं. उन्होंने यह भी बताया कि ठेका श्रमिकों का प्रतिशत 2013 में 13% से बढ़कर 2022 में 43% हो गया है.

खपत में भी हुई है भारी गिरावट

देश में खपत में कमी के मामले पर चिंता जताते हुए श्रीनेत ने कहा, 'भारत एक खपत आधारित अर्थव्यवस्था है, लेकिन एफएमसीजी में कीमतों में कटौती के बावजूद खपत में कमी बनी हुई है.' उन्होंने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में खपत में गिरावट के बारे में भी बात की, जिसमें उन्होंने लगभग 60,000 करोड़ रुपये की कारों के स्टॉक का जिक्र किया, जो बिना बिकी रह गई हैं.

डॉलर की बढ़ती कीमत और व्यापार घाटे के लिए सरकार जिम्मेदार

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के 'सुस्त' स्तरों और बढ़ते व्यापार असंतुलन और व्यापार घाटे के बारे में बोलते हुए श्रीनेत ने कहा कि भारत के टॉप 10 व्यापारिक साझेदारों में से नौ के साथ उसका व्यापार घाटा है. कांग्रेस नेता ने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार को जिम्मेदार ठहराया.

अब एक डॉलर 84 रुपये

उन्होंने कहा, 'चीन हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसका द्विपक्षीय व्यापार 118 बिलियन डॉलर है, जिसमें से 80 बिलियन डॉलर व्यापार घाटा है. हम चीनी सेना को हमारे देश में घुसपैठ के लिए धन मुहैया करा रहे हैं और हम उन्हें अमीर बना रहे हैं. पीएम मोदी ने एक बार कहा था कि उनकी गरिमा रुपये के मूल्य से जुड़ी हुई है, लेकिन उन्हें एक डॉलर के मुकाबले 58 रुपये विरासत में मिले और अब एक डॉलर 84 रुपये है.' 

व्यापारियों को दे दिया है एकाधिकार

श्रीनेत ने कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश में गिरावट के लिए भी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने आगे कहा कि एक चीज जो भाजपा ने सफलतापूर्वक की है, वह है एक के बाद एक क्षेत्र में एकाधिकार बनाना - स्टील और सीमेंट से लेकर दूरसंचार और विमानन तक.