Delhi Bjp Oath Preparations: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को यहां रामलीला मैदान में दिल्ली की नयी सरकार के शपथ-ग्रहण के लिए हो रहीं तैयारियों का निरीक्षण किया.उन्होंने कहा कि 25 साल से अधिक समय के बाद दिल्ली के पहले भाजपाई मुख्यमंत्री का शपथग्रहण समारोह ऐतिहासिक और भव्य होगा.
मैदान का निरीक्षण
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के साथ रामलीला मैदान का निरीक्षण करने के बाद, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना तैयारियों की देखरेख कर रहे हैं और शहर भर से लोगों ने बृहस्पतिवार को संभावित कार्यक्रम में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की है.चुघ ने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आशीर्वाद दिया है, जिन पर ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक सभी नागरिकों का भरोसा है’.
30,000 लोग एक साथ आ सकते हैं
रामलीला मैदान को सजाया जा रहा है, जिसमें लगभग 30,000 लोग एक साथ आ सकते हैं. इसकी चाहरदीवारी पर नया रंग-रोगन किया जा रहा है.सोमवार को, पार्टी कार्यकर्ताओं को विशाल मैदान के साथ-साथ आयोजन स्थल के आसपास के फुटपाथ और सड़कों की सफाई करते देखा गया.पार्टी सूत्रों के अनुसार, दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य बृहस्पतिवार शाम करीब साढ़े चार बजे रामलीला मैदान में शपथ ले सकते हैं.
इस समारोह में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है.गत आठ फरवरी को घोषित विधानसभा चुनाव परिणामों में, भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें हासिल कीं और 26 साल बाद शहर में सत्ता में वापसी की.
आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटें
आम आदमी पार्टी को केवल 22 सीटें मिलीं. दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के लिए कुछ नवनिर्वाचित विधायकों के नाम चर्चा में हैं, जिनमें प्रवेश वर्मा शामिल हैं, जिन्होंने आप संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराया. उनके अलावा दिल्ली भाजपा के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय के साथ ही पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे अन्य नेता भी इस दौड़ में माने जा रहे हैं.
सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए रवींद्र इंद्रराज सिंह और मादीपुर सुरक्षित सीट से पहली बार भाजपा के लिए जीतने वाले कैलाश गंगवाल के नामों पर भी चर्चा हो रही है.पार्टी के भीतर कई लोगों का मानना है कि भाजपा नेतृत्व दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के रूप में किसी ऐसे नाम पर मुहर लगा सकता है जो बहुत अधिक चर्चा में नहीं है. पार्टी ने राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भी इसी तरह का प्रयोग किया है.