महाकुंभ पहुंचे चिराग पासवान, संगम में लगाई आस्था की डुबकी, देखें वीडियो

चिराग पासवान ने संगम में स्नान करने के बाद कहा, "मैं और मेरा पूरा परिवार यहां श्रद्धा के साथ आया हूं. लंबे समय से मेरी इच्छा थी कि महाकुंभ में शामिल होकर संगम में स्नान करें. यूपी सरकार ने महाकुंभ के लिए बेहतरीन व्यवस्था की है. यहां की व्यवस्थाएं ऐसी हैं कि हर श्रद्धालु को कोई भी कठिनाई नहीं हो रही है. मेला क्षेत्र में तैनात कर्मचारी भी श्रद्धालुओं की मदद में लगे हैं, जिससे यह महाकुंभ और भी सुंदर और सुव्यवस्थित बन गया है." 

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Courtesy: social media

Chirag Paswan in Mahakumbh: केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान शनिवार को अपने परिवार के साथ प्रयागराज पहुंचे और महाकुंभ में भाग लिया. इस अवसर पर उनके साथ उनकी मां, बहन और जीजा भी मौजूद थे. महाकुंभ के पवित्र संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद चिराग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की और कहा कि मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के आयोजन की व्यवस्था खुद देखी है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं हो रही है. 

संगम में स्नान करने की इच्छा पूरी हुई

चिराग पासवान ने संगम में स्नान करने के बाद कहा, "मैं और मेरा पूरा परिवार यहां श्रद्धा के साथ आया हूं. लंबे समय से मेरी इच्छा थी कि महाकुंभ में शामिल होकर संगम में स्नान करें. यूपी सरकार ने महाकुंभ के लिए बेहतरीन व्यवस्था की है. यहां की व्यवस्थाएं ऐसी हैं कि हर श्रद्धालु को कोई भी कठिनाई नहीं हो रही है. मेला क्षेत्र में तैनात कर्मचारी भी श्रद्धालुओं की मदद में लगे हैं, जिससे यह महाकुंभ और भी सुंदर और सुव्यवस्थित बन गया है." 

महाकुंभ का आयोजन: एक बड़ी चुनौती

जब चिराग से महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन करना कोई आसान काम नहीं है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस प्रकार से महाकुंभ के आयोजन के लिए इंतजाम किए हैं, वह सराहनीय है. इस भव्य आयोजन को देख कर लगता है कि हर कोई अपनी श्रद्धा और आस्था को पूरी श्रद्धा के साथ व्यक्त कर सकता है." उन्होंने अपनी शुभकामनाएं भी दीं और कहा, "मैं दुआ करता हूं कि जो लोग महाकुंभ में अपनी मनोकामनाएं लेकर आए हैं, उनकी इच्छाएं पूरी हों."

चिराग पासवान का यह यात्रा और उनके बयान महाकुंभ के आयोजन की सफलता को दर्शाते हैं. उन्होंने योगी सरकार की प्रशंसा की और इसे एक बेहतरीन प्रबंधन का उदाहरण बताया. महाकुंभ में पहुंच कर उन्होंने यह साबित किया कि यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि प्रबंधन और व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी बेमिसाल है.