Big Relief: पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान पिछले 22 दिनों से धरने पर बैठे हैं. किसानों द्वारा अंबाला के सादोपुर के पास सीमा पर धरना देने की घोषणा के बाद सोमवार को चंडीगढ़-दिल्ली राजमार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग-44) खोल दिया गया. हाईवे के दोनों ओर एक-एक लेन खोल दी गई है. इससे लोग सीधे दिल्ली से चंडीगढ़ और चंडीगढ़ से दिल्ली जा सकेंगे. इससे पहले 3 मार्च को बठिंडा में शुभकरण सिंह की अंतिम संस्कार प्रार्थना के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने घोषणा की थी कि देश भर के किसान 6 मार्च को दिल्ली मार्च करेंगे. पंजाब के किसान बॉर्डर पर बैठे रहेंगे. 10 मार्च को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशभर में ट्रेनें रोकी जाएंगी.
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली महापंचायत की रूपरेखा बता दी है. इसे किसान-मजदूर महापंचायत का नाम दिया गया है. इसमें देशभर से किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़कर बसों, ट्रेनों और अन्य वाहनों से जाएंगे. महापंचायत के बाद वह सीधे घर लौटेंगे। महिला किसान संगठनों के सहयोग से 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा.
रविवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों को पंजाब की खनौरी और शंभू बॉर्डर से आगे नहीं जाने दे रही है. इसलिए 6 मार्च को देश के अन्य राज्यों से किसान बसों और ट्रेनों से दिल्ली जाएंगे. वहां किसान जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे, लेकिन पंजाब के किसान शंभू और खानूरी बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करेंगे. इससे आंदोलन को मजबूत करने के लिए यहां किसानों की संख्या बढ़ेगी.