ज्ञानेश कुमार बनें मुख्य चुनाव आयुक्त, अनुच्छेद 370 हटाने और राम जन्मभूमि ट्रस्ट में भी रही अहम भूमिका

नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 2018 से 2021 तक गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

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Chief Election Commissioner: नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने और जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 2018 से 2021 तक गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर रहते हुए उन्होंने लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

ज्ञानेश कुमार को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का मसौदा तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. यह विधेयक सरकार द्वारा लाए गए सबसे गोपनीय विधेयकों में से एक था.

मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति

ज्ञानेश कुमार राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की स्थापना प्रक्रिया से भी जुड़े थे. यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए गठित किया गया था. उनके प्रशासनिक अनुभव और कानूनी समझ ने इस कार्य में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई. 15 मार्च 2024 को चुनाव आयुक्त के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले ज्ञानेश कुमार को सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया.

यह नियुक्ति कांग्रेस द्वारा इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक टालने की मांग के बावजूद की गई. वह नए कानून के तहत नियुक्त होने वाले पहले CEC हैं. उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक रहेगा, जो अगली लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ ही दिन पहले समाप्त होगा.

ज्ञानेश कुमार से जुड़ी 3 खास बातें

  1. 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं.
  2. आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक किया और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पर्यावरण अर्थशास्त्र का अध्ययन किया.
  3. केरल सरकार में एर्नाकुलम के सहायक कलेक्टर, अडूर के उप-कलेक्टर और कोचीन नगर निगम के आयुक्त सहित कई पदों पर कार्य किया.
  4. वित्तीय संसाधन, सार्वजनिक निर्माण विभाग और त्वरित परियोजनाओं सहित विभिन्न विभागों को संभाला.
  5. भारत सरकार में रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया. वे 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत्त हुए.