Bihar Budget 2025: नीतीश सरकार का आखिरी बजट आज, चुनावी साल में बड़े ऐलानों की उम्मीद

बिहार विधानसभा में आज 3 मार्च 2025 को नीतीश कुमार सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक नीतीश सरकार इस बार करीब 3.15 लाख करोड़ रुपये का बजट ला सकती है. चुनावी साल होने के नाते सरकार से जनता को कई बड़ी सौगातों की उम्मीद है.

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Courtesy: Social Media

Bihar Budget 2025: बिहार विधानसभा में आज 3 मार्च 2025 को नीतीश कुमार सरकार अपना आखिरी बजट पेश करने जा रही है. विधानसभा चुनाव से पहले यह बजट बेहद अहम माना जा रहा है. डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री सम्राट चौधरी सुबह 11 बजे यह बजट पेश करेंगे. सूत्रों के मुताबिक नीतीश सरकार इस बार करीब 3.15 लाख करोड़ रुपये का बजट ला सकती है. चुनावी साल होने के नाते सरकार से जनता को कई बड़ी सौगातों की उम्मीद है.

महिलाओं, किसानों और युवाओं पर रहेगा खास फोकस

चुनावी माहौल को देखते हुए नीतीश सरकार इस बजट में महिलाओं किसानों और युवाओं को लुभाने की पूरी कोशिश करेगी. रोजगार नौकरी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष जोर रहने की संभावना है. सूत्रों का कहना है कि सरकार बुजुर्गों की पेंशन में बढ़ोतरी और महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता जैसे बड़े ऐलान कर सकती है. इसके अलावा सड़क, स्वास्थ्य, सिंचाई, पर्यटन और खेल जैसे क्षेत्रों के लिए भी बड़ी राशि आवंटित की जा सकती है.

तेजस्वी यादव की सरकार से मांग

बजट से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कई मांगें रखी हैं. उन्होंने कहा "नीतीश कुमार जी 20 साल से मुख्यमंत्री हैं लेकिन उन्होंने वृद्धजनों और दिव्यांगजनों की पेंशन नहीं बढ़ाई. बिहार की महिलाएं गरीबी और अभाव में जी रही हैं." तेजस्वी ने मांग की है कि वृद्धजन और दिव्यांग पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये किया जाए. साथ ही महिलाओं के लिए हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक मदद देने की योजना शुरू की जाए ताकि वे अपने परिवार और बच्चों की बेहतर देखभाल कर सकें. इसके अलावा उन्होंने 200 यूनिट मुफ्त बिजली और सस्ते गैस सिलेंडर की भी मांग उठाई है.

चुनाव से पहले नीतीश कैबिनेट का विस्तार

बिहार में सात महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले हाल ही में नीतीश कैबिनेट का विस्तार हुआ जिसमें बीजेपी के सात विधायकों को मंत्री बनाया गया. नए मंत्रियों में संजय सरावगी, सुनील कुमार, जीवेश मिश्रा, कृष्ण कुमार मंटू, विजय मंडल, राजू सिंह और मोतीलाल प्रसाद शामिल हैं. इस विस्तार में जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है. बीजेपी ने राजपूत, भूमिहार, कुर्मी, कुशवाहा और केवट जैसी जातियों को प्रतिनिधित्व देकर चुनावी मैदान में मजबूती से उतरने की रणनीति बनाई है. अब यह देखना होगा कि इसका कितना फायदा एनडीए को मिलता है.

बजट से जनता की उम्मीदें

चुनावी साल का यह बजट नीतीश सरकार के लिए जनता का भरोसा जीतने का आखिरी बड़ा मौका है. लोगों को उम्मीद है कि सरकार बेरोजगारी, शिक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे मुद्दों पर ठोस कदम उठाएगी. तेजस्वी की मांगों के बाद यह भी चर्चा है कि सरकार महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कोई खास योजना ला सकती है. बिहार के विकास के लिए यह बजट कितना कारगर साबित होगा यह आज पेश होने वाली घोषणाओं पर निर्भर करेगा.