भोजपुरी गायक सूरज सिंह गिरफ्तार, नीतीश और लालू पर विवादित गाना गाने का आरोप

भोजपुरी सिनेमा के मशहूर गायक सूरज सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अश्लील और अपमानजनक गाने गाने का आरोप है.

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Courtesy: social media

भोजपुरी सिनेमा के मशहूर गायक सूरज सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ अश्लील और अपमानजनक गाने गाने का आरोप है. यह गाना पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसके बाद राज्य भर में इसकी कड़ी आलोचना की गई. गाने के बोल और उसकी प्रकृति को लेकर कई नेताओं और समाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं.

आरोप और गिरफ्तारी

सूरज सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने गाने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणियां की थीं. गाने के कुछ बोल इतने विवादास्पद थे कि यह तुरंत ही सोशल मीडिया पर फैल गए और जनता के बीच गुस्सा फैल गया. कई संगठनों और राजनीतिक दलों ने इसकी कड़ी आलोचना की और सूरज सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. इसके बाद पुलिस ने गायक को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

सुरक्षा और न्यायिक प्रक्रिया

पुलिस ने बताया कि गायक सूरज सिंह के खिलाफ मामला दर्ज होते ही उन्हें गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद गायक से पूछताछ की गई और पुलिस ने उसकी जमानत याचिका खारिज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस मामले में बिहार सरकार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि समाज में ऐसी गानों को कोई स्थान नहीं दिया जा सकता, जो राजनीतिक और सामाजिक असहमति को बढ़ावा दें. 

गायक का पक्ष

गायक सूरज सिंह ने आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य किसी को आहत करना या अपमानित करना नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि यह गाना सिर्फ एक व्यंग्य था और वह किसी राजनीतिक शख्सियत को निशाना नहीं बना रहे थे. हालांकि, गायक का यह बयान अब तक जनता और मीडिया के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाओं का कारण बन चुका है.

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

इस मामले ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है. जहां कुछ नेताओं ने गायक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं कुछ अन्य नेताओं ने इसे कला और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देखा है. समाजिक संगठनों ने भी इसे महिला सम्मान और सम्मानजनक भाषा के उपयोग की आवश्यकता के रूप में पेश किया है. 

सूरज सिंह की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से बिहार में कला, राजनीति और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बीच के बारीक फर्क को लेकर बहस को हवा दी है. यह मामला केवल एक गाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में भाषा, संस्कृति और राजनीति के इर्द-गिर्द होने वाली संवेदनाओं को भी उजागर करता है. अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या कानूनी कार्रवाई होती है और इसका राजनीतिक प्रभाव बिहार की राजनीति पर क्या पड़ता है.