New Delhi : दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) की करारी हार के एक दिन बाद रविवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया. अधिकारियों ने बताया कि आतिशी ने कालकाजी सीट बरकरार रखी और राज निवास में सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि सक्सेना ने निवर्तमान मुख्यमंत्री को नई सरकार के गठन तक पद पर बने रहने को कहा है. पार्टी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद अगले सप्ताह भाजपा सत्ता पर दावा पेश कर सकती है.
दिल्ली के राज निवास ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया, "माननीय उपराज्यपाल श्री वीके सक्सेना को आज माननीय मुख्यमंत्री सुश्री आतिशी का इस्तीफा प्राप्त हुआ. उन्होंने नई सरकार के गठन तक उन्हें अपने पद पर बने रहने को कहा है." उपराज्यपाल ने शनिवार 8 फरवरी से दिल्ली विधानसभा को भंग कर दिया.
विधानसभा सचिवालय द्वारा एक दिन पहले जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली शासन अधिनियम, 1991 की धारा 6 की उपधारा (2)(बी) द्वारा मुझे प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, मैं, विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली के उपराज्यपाल, 8 फरवरी, 2025 से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सातवीं विधानसभा को भंग करता हूँ."
दिल्ली में 26 साल से ज़्यादा समय बाद बीजेपी सत्ता में लौटी है और उसने 70 में से 48 सीटें जीती हैं. 5 फ़रवरी को हुए चुनाव में आप को 22 सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. पिछले साल सितंबर में आतिशी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जब आप संयोजक और उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने रविवार को कहा कि पार्टी दिल्ली में "रचनात्मक विपक्ष" की भूमिका निभाएगी. उन्होंने कहा, "हम लोगों के जनादेश को पूरी विनम्रता से स्वीकार करते हैं. आप एक ऐसी पार्टी है जो अपनी गलतियों को समझती है, पहचानती है और उन पर काम करती है. हम निश्चित रूप से इस बात पर गौर करेंगे कि हमारा वोट शेयर क्यों कम हुआ है."
उन्होंने कहा, "हम एक रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि हम भाजपा को दिल्ली के लोगों से किए गए वादों के प्रति जवाबदेह बनाएं."