गुजरात के सूरत में आठवीं कक्षा की एक छात्रा ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली जिसके बाद उसके परिजनों ने दावा किया कि फीस जमा नहीं करने पर स्कूल द्वारा दंडित किये जाने के कारण उसने यह अतिवादी कदम उठाया. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी.
उसने बताया कि गोडादरा इलाके में सोमवार शाम 14 वर्षीय इस छात्रा ने फांसी लगा लगी. उस समय उसके माता-पिता घर से बाहर थे. गोडादरा थाने के निरीक्षक हर्षद आचार्य ने बताया कि इस नाबालिग ने 14 जनवरी के उत्तरायण उत्सव के बाद स्कूल जाना बंद कर दिया था और उसके माता-पिता ने मार्च 2025 तक समाप्त होने वाले एक साल की 15,000 रुपये की फीस जमा नहीं की थी.
लड़की के पिता राजू खटीक ने दावा किया कि फीस नहीं जमा कर पाने के कारण स्कूल ने उनकी बेटी को परीक्षा में नहीं बैठने दिया और उसे उसकी कक्षा के बाहर खड़ा कर दिया. पुलिस और जिला शिक्षा विभाग ने राजू खटीक के इन आरोपों की पुष्टि के लिए जांच शुरू की है कि स्कूल ने उसे अपने जान देने के लिए मजबूर किया.
आचार्य ने कहा, ‘‘हमने छात्रा के परिवार के सदस्यों, सहपाठियों और पड़ोसियों के साथ-साथ स्कूल प्रबंधन का भी बयान लिया है. हम इस मामले की विभिन्न कोणों से जांच कर रहे हैं. इस समय हम निश्चित रूप से यह नहीं कह सकते कि उसकी मौत उसके पिता द्वारा बताए गए कारणों से हुई है या नहीं.’’
जिला शिक्षा अधिकारी एच एच राज्यगुरु ने कहा कि उनके विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या लड़की की मौत फीस का भुगतान न करने पर स्कूल प्रबंधन द्वारा कथित रूप से किये गये बर्ताव के कारण हुई. उन्होंने कहा, ‘‘एक दल स्कूल भेजा गया है. स्कूल के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जा रहा है. जांच के बाद सौंपी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.’’
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