'अमेरिका ने स्टील और एल्यूमिनियम पर बढ़ाई ड्यूटी', केंद्र ने राज्यसभा में डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर किया बड़ा खुलासा

शुक्रवार को भारत के राजयसभा में नरेंद्र मोदी सरकार ने साफ कर दिया कि अमेरिका ने भारत पर कोई पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) लागू नहीं किया है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि अमेरिका ने 13 फरवरी, 2025 को एक मेमोरेंडम जारी किया था.

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India-US trade: शुक्रवार को भारत के राजयसभा में नरेंद्र मोदी सरकार ने साफ कर दिया कि अमेरिका ने भारत पर कोई पारस्परिक टैरिफ (reciprocal tariffs) लागू नहीं किया है. केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि अमेरिका ने 13 फरवरी, 2025 को एक मेमोरेंडम जारी किया था.

साथ ही वाणिज्य सचिव और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि को निर्देश दिया गया है, जिसमे कहा गया कि गैर-पारंपरिक व्यावसायिक व्यवस्था से अगर अमेरिका को कोई नुकसान होता है तो इस पर जांच होगी. इसके अलावा प्रत्येक व्यापारिक साझेदार के लिए एक रिपोर्ट भी पेश करनी होगी. इसके आधार पर भविष्य में अमेरिकी कानूनों के तहत कार्रवाई हो सकता है. 

अमेरिका ने स्टील और एल्यूमिनियम पर बढ़ाई ड्यूटी

जितिन प्रसाद ने CPI(M) सांसद जॉन ब्रिटास के सवाल के जवाब में कहा कि अभी तक अमेरिका ने भारत पर कोई देश-विशिष्ट या पारस्परिक टैरिफ लागू नहीं किया है. हालांकि, स्टील और एल्यूमिनियम आयात पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है, जो सभी देशों पर लागू है और इसमें कोई छूट नहीं दी गई है. उन्होंने आगे बताया कि इन शुल्कों का प्रभाव अच्छे से आंका जा रहा है, क्योंकि पहले कुछ प्रमुख व्यापर पर देश को छूट मिला था, जो अब नहीं है. 

व्यापार संबंध मजबूत 

मंत्री ने कहा कि दोनों देश आपसी लाभ के आधार पर द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने के लिए बातचीत कर रहे हैं. 13 फरवरी को जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि 2025 तक दोनों देश आर्थिक संबंधों को गहरा करने के लिए काम करेंगे. "मिशन 500" के तहत 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को दोगुना कर 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए बाजार पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने पर काम किया जा रहा हैं. 

भारत उच्च टैरिफ वाला देश - ट्रंप

वहीं गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मेरा भारत के साथ बहुत अच्छा रिश्ता है, लेकिन मेरी एकमात्र समस्या यह है कि वे दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक हैं. मुझे लगता है कि वे शायद अपने टैरिफ को काफी हद तक कम करेंगे, लेकिन 2 अप्रैल से हम उन पर वही टैरिफ लगाएंगे जो वे हम पर लगाते हैं.