Digital Snan In Mahakumbh: महाकुंभ का माहौल अब अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है, लेकिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार प्रयागराज की ओर उमड़ रही है. हर कोई पवित्र संगम में स्नान करने के लिए प्रयागराज जाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इस दौरान बहुत से लोग भीड़, ट्रेन टिकट की दिक्कत, और लंबी दूरी को लेकर परेशान हैं. ऐसे में एक नया और अजीब सा तरीका सामने आया है, जिसे 'डिजिटल स्नान' कहा जा रहा है.
'डिजिटल स्नान' क्या है?
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि लोग बिना प्रयागराज गए, घर बैठे ही कुंभ स्नान कर सकते हैं. इस अनोखे तरीके में श्रद्धालु अपनी पासपोर्ट साइज की तस्वीरें व्हाट्सएप पर भेजते हैं, और फिर एक व्यक्ति उन तस्वीरों का प्रिंटआउट निकालकर संगम में प्रतीकात्मक रूप से स्नान करवा देता है. इसके बदले वह व्यक्ति ₹1100 चार्ज करता है. इस स्टार्टअप को लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है और लोग इस प्रक्रिया को लेकर अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
यह वीडियो इंस्टाग्राम हैंडल @echo_vibes2 से 19 फरवरी को पोस्ट किया गया था, जिसमें दीपक गोयल नामक व्यक्ति इस स्टार्टअप को प्रमोट करता हुआ दिखाई दे रहा है. वह अपनी तस्वीरें दिखाता है और दावा करता है कि वह 'डिजिटल स्नान' कराता है. वीडियो में यह भी कहा गया है कि बस वॉट्सऐप पर अपनी फोटो भेजनी होती है और वह व्यक्ति उसे संगम में डुबकी लगवाता है.
लोगों की प्रतिक्रियाएं
जैसे ही यह वीडियो वायरल हुआ, लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आने लगीं. कुछ ने इसे श्रद्धा और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया, तो कुछ ने सवाल उठाया कि क्या वाकई ऐसा करने से स्नान का पुण्य मिलेगा? वहीं, कई लोगों को यह तरीका पैसे कमाने का एक नया तरीका लग रहा था. एक यूज़र ने वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आप सनातन धर्म का मज़ाक बना रहे हैं, आपको शर्म नहीं आती?" इसके जवाब में चैनल की ओर से दावा किया गया कि उनकी सेवा की वजह से अब तक 12,000 लोगों को फायदा हुआ है.
₹500 में 'डिजिटल' गंगा स्नान
इसी बीच एक और पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि श्रद्धालु बिना प्रयागराज गए ही गंगा स्नान कर सकते हैं. इसके लिए सिर्फ ₹500 का भुगतान करना होगा और अपनी फोटो व्हाट्सएप करनी होगी. इसके बाद, उनकी फोटो की फोटोकॉपी गंगा में प्रवाहित कर दी जाएगी, और पुण्य उनके खाते में जमा हो जाएगा!
इस डिजिटल स्नान के तरीकों को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं तेज हो गई हैं. कुछ इसे एक नई बिजनेस स्टार्टअप मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे धार्मिक विश्वासों के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस तरह के तरीकों से सचमुच पुण्य मिलता है या यह केवल एक व्यापारिक चाल है?