Wakf Amendment Bill: संसद में पिछले साल अगस्त में पेश किए गए वक्फ संशोधन बिल को सोमवार को ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने 14 संशोधनों के साथ मंजूरी दी. एक महत्वपूर्ण संशोधन के तहत 'वक्फ बाय यूजर' के आधार पर वक्फ संपत्तियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, बशर्ते वे धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रही हों. वर्तमान कानून में मौजूद यह प्रावधान नए बिल में हटा दिया जाएगा.
क्या है कमेटी चेयरमैन का बयान
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए कमेटी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने कहा कि NDA सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया गया है. उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी सदस्यों ने 44 धाराओं में सैकड़ों संशोधन पेश किए, लेकिन सभी वोटिंग के जरिए खारिज कर दिए गए. पाल ने दावा किया कि इन संशोधनों से कानून और प्रभावी बनेगा.
विपक्ष का विरोध
विपक्षी सांसदों ने इस प्रक्रिया पर कड़ा ऐतराज जताया. तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्याण बनर्जी ने पाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज जो हुआ वह लोकतंत्र का काला दिन है. नियमों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया. हमें न तो दस्तावेज़ दिए गए, न ही बहस का मौका. उन्होंने आगे कहा कि पाल ने खुद संशोधन पेश किए, वोट गिने और मंजूरी दे दी. यह एक फर्जी प्रक्रिया थी. JPC को अपनी रिपोर्ट 29 नवंबर तक देनी थी, लेकिन यह समय सीमा बढ़ाकर संसद के बजट सत्र के अंतिम दिन, 13 फरवरी, तक कर दी गई है.