भारत बनेगा नशा मुक्त! आयुष और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच इन मुद्दों पर हुआ समझौता

आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बुधवार को वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवा में सुधार और मादक पदार्थों के सेवन से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य आयुष आधारित उपायों के माध्यम से वृद्धों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और मादक पदार्थों की लत को नियंत्रित करना है.

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Courtesy: social media

Ministry of Ayush: आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने बुधवार को वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवा में सुधार और मादक पदार्थों के सेवन से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य आयुष आधारित उपायों के माध्यम से वृद्धों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना और मादक पदार्थों की लत को नियंत्रित करना है.

समझौते का उद्देश्य

केंद्रीय आयुष मंत्री, प्रतापराव जाधव ने इस साझेदारी की महत्वता को बताते हुए कहा कि यह पहल बुजुर्गों की स्वास्थ्य सेवा और मादक पदार्थों की लत से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से संबोधित करने के लिए की गई है. उनका मानना है कि बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और नशे की लत की बढ़ती चिंताओं के बीच यह एक जरूरी कदम है.

जाधव ने कहा, “बुजुर्गों की स्वास्थ्य सेवा और मादक पदार्थों की लत, ये दोनों महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि बुजुर्ग स्वस्थ रहें और मादक पदार्थों की लत से प्रभावित न हों.”

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कदम

इस मौके पर, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, **बी एल वर्मा** ने प्रधानमंत्री **नरेन्द्र मोदी** के नेतृत्व में सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को सराहा. उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन बुजुर्गों के कल्याण के लिए एक बड़ा कदम साबित होगा. आयुष मंत्रालय के साथ किए गए इस समझौते से वरिष्ठ नागरिकों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा.

आयुष आधारित उपायों की भूमिका

आयुष मंत्रालय के आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी और सिद्धा जैसे पारंपरिक उपायों को वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण में लागू किया जाएगा. इन उपायों का उद्देश्य मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, साथ ही मादक पदार्थों की लत से मुक्ति दिलाना है. यह समझौता ज्ञापन दोनों मंत्रालयों के बीच एक साझेदारी का प्रतीक है, जो देश में बढ़ते बुजुर्गों की संख्या और उनके स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों पर गंभीरता से काम करने के लिए तैयार है. 

यह समझौता न केवल वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक कदम है, बल्कि मादक पदार्थों के सेवन से निपटने के लिए एक ठोस प्रयास भी है. आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय विभाग की यह साझेदारी वृद्धजनों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कई तरह के समाधान और सहायता प्रदान करेगी.