Bihar liquor Ban: बिहार में जहरीली शराब पीने से 33 लोगों की मौत के बाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला किया है. शुक्रवार को उन्होंने एक्स पर ट्वीट करते हुए बिहार में शराबबंदी की असफलता के लिए नीतीश कुमार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया और इसे संस्थागत भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया .
ये तो भ्रष्टाचार का एक छोटा उदाहरण है
तेजस्वी यादव ने लिखा कि शराबबंदी नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार का एक छोटा उदाहरण है. अगर शराबबंदी लागू की गई है, तो इसे सही तरीके से लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है. लेकिन मुख्यमंत्री की कमजोर इच्छाशक्ति, नीतियों की उलझन और अधिकारियों पर निर्भरता के कारण, बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से विफल हो गई है.
जहरीली शराब से 100 से अधिक हत्या होने के बाद भी पटना के बीचों-बीच ठहाके लगाकर हंसते मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री!
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024
संवेदना तक व्यक्त नहीं करने वाले तीसरे नंबर की पार्टी के मुख्यमंत्री का इतनी मौतों पर हँसना और हँसाना बिहारियों एवं लोकतंत्र को चिढ़ाना है।
इतनी बड़ी घटना होने के… pic.twitter.com/fECn87D6aO
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नेताओं, पुलिस और शराब माफिया के गठजोड़ के चलते बिहार में 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध शराब व्यापार चल रहा है. तेजस्वी यादव ने कहा कि शराबबंदी के बावजूद, बिहार में 3.46 करोड़ लीटर शराब बरामद की गई है. एक ईमानदार वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, इसमें भी घोटाला है, क्योंकि जब शराब से भरा कोई ट्रक राज्य में आता है, तो पुलिस उसे जब्त करने का नाटक करती है.
नीतीश कुमार से सीधा सवाल पूछा
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार से सीधा सवाल किया कि हर साल इतनी ज्यादा शराब जब्त होने के लिए कौन जिम्मेदार है, और शराब से जुड़े अपराधों में पकड़े गए ज्यादातर लोग गरीब और हाशिए के समुदायों से क्यों होते हैं? उन्होंने कहा कि शराबबंदी का असली नुकसान गरीबों और दलितों को हो रहा है, जबकि माफिया और अमीर लोग बच निकलते हैं.
शराबबंदी श्री नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 18, 2024
इसी दौरान, अवैध शराब से जुड़ी दो हालिया घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है, जिसमें सीवान में 28 और सारण में 5 लोगों की मौत हो गई है. सीवान में 79 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 13 गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बेहतर इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच अस्पताल भेजा गया है.
इन घटनाओं ने एक बार फिर राज्य में शराबबंदी की सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. शराबबंदी की नीति का मकसद राज्य को शराब से मुक्त बनाना था, लेकिन शराब माफियाओं, पुलिस और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते यह योजना असफल हो रही है.