दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने हाल ही में दिल्ली के प्रसिद्ध कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में दर्शन किए. यह मंदिर दिल्ली के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले स्थानों में से एक है. स्वाति मालीवाल का यह दौरा खासा चर्चा का विषय बना, खासतौर पर उनके द्वारा मंदिर में की गई पूजा और श्रद्धा के कारण.
हनुमान मंदिर का धार्मिक महत्व
कनॉट प्लेस का हनुमान मंदिर दिल्ली के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है. यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां दिन-रात भक्तों का तांता लगा रहता है. विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को यहां अधिक भीड़ देखने को मिलती है, जब भक्त हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिर में हनुमान जी की विशाल और मनमोहक मूर्ति स्थापित है, जो भक्तों को आस्था और ऊर्जा का संचार करती है.
#WATCH | Delhi | Rajya Sabha MP Swati Maliwal offers prayers at Hanuman Temple, Connaught Place pic.twitter.com/oUrAVQmoVy
— ANI (@ANI) February 9, 2025
स्वाति मालीवाल का धार्मिक यात्रा पर बयान
स्वाति मालीवाल ने मंदिर में दर्शन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “हनुमान जी की पूजा और आशीर्वाद से ही हम जीवन में कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं. उनके आशीर्वाद से मनुष्य को शक्ति और साहस मिलता है.” उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं के साथ जुड़ी हुई रही हैं और यह दर्शन उनके लिए बहुत खास था.
स्वाति मालीवाल की भूमिका और सामाजिक योगदान
स्वाति मालीवाल को उनके सामाजिक कार्यों और महिलाओं के अधिकारों के लिए जाना जाता है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं, जिनसे महिलाओं के सुरक्षा और अधिकारों को लेकर आवाज उठाई है. उनका मानना है कि समाज में हर व्यक्ति को सम्मान और सुरक्षा मिलनी चाहिए, और उनके कार्यों से यह संदेश दिया जाता है कि महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ानी जरूरी है.
जय जय जय बजरंग बली 🙏 pic.twitter.com/qBtNE7L6bO
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) February 9, 2025
समाप्ति: धार्मिक आस्था और सामाजिक कार्यों का संगम
स्वाति मालीवाल का हनुमान मंदिर में दर्शन करना उनकी आस्था और विश्वास को दर्शाता है. जहां एक ओर वह महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी धार्मिक आस्था भी उन्हें जीवन के कठिन मार्ग पर सशक्त बनाती है. उनका यह कदम यह साबित करता है कि आस्था और सामाजिक कार्यों का संगम एक व्यक्ति को समाज के प्रति और भी अधिक प्रेरित कर सकता है.