दिल्ली विधानसभा के बाहर AAP विधायकों का 7 घंटे तक धरना, कल राष्ट्रपति से मिलेंगी आतिशी

आम आदमी पार्टी के विधायकों ने करीब 7 घंटे तक विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया. विधायकों का निलंबन मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी के कारण हुआ था. अब आतिशी ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का फैसला किया है.

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Courtesy: Social Media

Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा के बाहर गुरुवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने करीब 7 घंटे तक धरना दिया. यह प्रदर्शन तब शुरू हुआ, जब विपक्ष की नेता आतिशी सहित 21 AAP विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया. विधायकों का निलंबन मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी के कारण हुआ था. AAP का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीर हटाई गई, जिसके विरोध में यह कदम उठाया गया. आतिशी ने अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का फैसला किया है.

धरने की वजह और AAP का आरोप

AAP के 22 में से 21 विधायकों को विधानसभा से तीन दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. पार्टी का कहना है कि यह कार्रवाई 'जय भीम' के नारे लगाने और अंबेडकर की तस्वीर हटाए जाने के विरोध के चलते हुई. गुरुवार को जब विधायक विधानसभा पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें गेट पर ही रोक दिया. इसके बाद आतिशी और अन्य विधायकों ने डफली की थाप के साथ धरना शुरू किया. प्रदर्शनकारियों ने अंबेडकर की तस्वीरें लिए 'जय भीम, जय भीम' और 'भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाए. आतिशी ने कहा, भाजपा ने सत्ता में आते ही तानाशाही की सारी हदें पार कर दीं. यह देश के लोकतंत्र पर हमला है.

पुलिस से तीखी बहस

विधानसभा परिसर में प्रवेश के दौरान आतिशी की पुलिसकर्मियों से तीखी नोकझोंक हुई. उन्होंने पुलिस से सवाल किया, हमें अंदर क्यों नहीं जाने दिया जा रहा? जवाब में पुलिस ने कहा कि स्पीकर के आदेश हैं कि AAP विधायकों को प्रवेश न दिया जाए. आतिशी ने आदेश की कॉपी मांगी और कहा, आप मुझे कागज दिखाइए. बिना लिखित आदेश के आप हमें कैसे रोक सकते हैं? पुलिस ने कोई दस्तावेज नहीं दिखाया, जिसके बाद विधायकों ने धरने का रास्ता चुना.

राष्ट्रपति को पत्र लिखकर मांगा समय 

आतिशी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर मुलाकात का समय मांगा. पत्र में उन्होंने लिखा, भाजपा सरकार ने दिल्ली के दफ्तरों से बाबा साहेब अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटा दीं. यह वीर सपूतों और वंचित समाज का अपमान है. उन्होंने आगे कहा, 25 फरवरी को विरोध करने पर 21 विधायकों को निलंबित किया गया और 27 फरवरी को हमें भारी बैरिकेडिंग से रोका गया. यह लोकतंत्र की हत्या है. आतिशी ने 28 फरवरी को राष्ट्रपति से मिलने की मांग की, ताकि इस तानाशाही के खिलाफ कदम उठाया जा सके.

विधायकों की आवाज

AAP विधायक कुलदीप कुमार ने कहा, हमने 'जय भीम' बोला, तो हमें निलंबित कर दिया. विपक्ष की आवाज को दबाना गलत है. संजीव झा ने आरोप लगाया, भाजपा अंबेडकर की विचारधारा से नफरत करती है. स्पीकर हमारी बात तक नहीं सुन रहे. एकमात्र विधायक अमानतुल्लाह खान निलंबन से बचे, क्योंकि वह उस दिन सदन में मौजूद नहीं थे.
7 घंटे के धरने के बाद आतिशी ने कहा, कल हम राष्ट्रपति से मिलेंगे. जय भीम की आवाज दिल्ली से पूरे देश में गूंजेगी. यह घटना दिल्ली की सियासत में नया तनाव पैदा कर सकती है.