Glacier Burst in Uttarakhand: ग्लेशियर टूटने से 57 मजदूर फंसे, 16 को बचाया गया

उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा पास के निकट एक ग्लेशियर के टूटने से भयंकर हिमस्खलन हुआ, जिसने इलाके में तबाही मचा दी. इस हादसे में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप को भारी नुकसान पहुंचा है. जानकारी के अनुसार, घटना के समय मौके पर 57 मजदूर मौजूद थे, जो माणा से माणा पास तक 50 किलोमीटर के दायरे में हाइवे चौड़ीकरण और डामरीकरण के कार्य में लगे थे.

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Courtesy: X/ANI

Glacier Burst in Uttarakhand: उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा पास के निकट एक ग्लेशियर के टूटने से भयंकर हिमस्खलन हुआ, जिसने इलाके में तबाही मचा दी. इस हादसे में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप को भारी नुकसान पहुंचा है. जानकारी के अनुसार, घटना के समय मौके पर 57 मजदूर मौजूद थे, जो माणा से माणा पास तक 50 किलोमीटर के दायरे में हाइवे चौड़ीकरण और डामरीकरण के कार्य में लगे थे. अब तक 16 मजदूरों को बर्फ से सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि बाकी की तलाश के लिए बचाव अभियान तेजी से चल रहा है.

हिमस्खलन से बीआरओ कैंप तबाह

यह घटना शुक्रवार को उस समय हुई, जब लगातार तीन दिनों से खराब मौसम और बर्फबारी के बीच ग्लेशियर अचानक ढह गया. हिमस्खलन की चपेट में आकर बीआरओ का कैंप पूरी तरह प्रभावित हुआ. हादसे में तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें सेना के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. जनपद चमोली में माणा गांव के निकट बीआरओ द्वारा संचालित निर्माण कार्य के दौरान हिमस्खलन की वजह से कई मजदूरों के दबने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, साथ ही उन्होंने सभी मजदूरों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की.

सेना और आईटीबीपी का रेस्क्यू ऑपरेशन

हादसे की सूचना मिलते ही सेना, आईटीबीपी, और बीआरओ की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू कर दिया. हालांकि, हनुमान चट्टी से आगे हाइवे के बंद होने और भारी बर्फबारी के कारण बचाव में चुनौतियां आ रही हैं. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी रवाना हुईं, लेकिन बंद सड़कों के चलते वे रास्ते में फंसी हुई हैं. जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया, 57 मजदूरों के माणा पास क्षेत्र में होने की सूचना है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन मौसम की वजह से मुश्किलें बढ़ रही हैं.

मौसम ने बढ़ाई मुश्किलें

उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से मौसम खराब बना हुआ है. ऊंची चोटियों पर लगातार बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने ठंड को और तीव्र कर दिया है. बदरीनाथ, औली, हेमकुंड साहिब, और मंडल घाटी जैसे क्षेत्रों में बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है. जिलाधिकारी ने आईआरएस अधिकारियों को सड़कों और बिजली आपूर्ति को बहाल करने के निर्देश दिए हैं.

पर्यटन और नेशनल खेलों पर असर

औली में हो रही बर्फबारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. पर्यटक बर्फ का आनंद लेने पहुंच रहे हैं, वहीं नेशनल खेलों के आयोजन के लिए यह बर्फबारी फायदेमंद मानी जा रही है. हालांकि, हादसे ने इलाके में चिंता भी बढ़ा दी है.