'राजनीतिक लाभ के लिए हो रहा वीर सावरकर के नाम का इस्तेमाल', शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने साधा बीजेपी पर निशाना

शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फायदे के लिए स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम का इस्तेमाल कर रही है. चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि वीर सावरकर को भारत रत्न मिलना चाहिए, और शिवसेना ने हमेशा उनके योगदान को सम्मानित करने की मांग की है.

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Courtesy: social media

Priyanka Chaturvedi on veer Savarkar : शिवसेना की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) पर आरोप लगाया कि वह राजनीतिक फायदे के लिए स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के नाम का इस्तेमाल कर रही है. चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि वीर सावरकर को भारत रत्न मिलना चाहिए, और शिवसेना ने हमेशा उनके योगदान को सम्मानित करने की मांग की है.

भाजपा का सावरकर के नाम का इस्तेमाल

प्रियंका चतुर्वेदी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो इन दिनों फ्रांस के मार्सिले में यात्रा पर हैं, ने वीर सावरकर की उस ऐतिहासिक घटना का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने उस समय का उल्लेख किया जब ब्रिटिश सरकार सावरकर को जहाज से भारत वापस ला रही थी, और सावरकर ने उस दौरान भागने का प्रयास किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर के साहस और बलिदान का प्रतीक बताया.

शिवसेना की मांग

चतुर्वेदी ने इस बारे में पीटीआई से बात करते हुए कहा, "वीर सावरकर जी का स्वतंत्रता संग्राम में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. शिवसेना ने हमेशा उनके लिए भारत रत्न की मांग की है, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही है. भाजपा केवल सावरकर जी को तब याद करती है जब उसे राजनीतिक फायदा हो, और जैसे ही काम पूरा हो जाता है, वे उन्हें भूल जाती है."

शिवसेना नेता ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा सावरकर के योगदान को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करती है, जबकि उनके योगदान को राष्ट्रीय स्तर पर सही सम्मान नहीं दिया जा रहा.

प्रियंका चतुर्वेदी के इस बयान ने भाजपा के सावरकर से संबंधित दृष्टिकोण पर सवाल उठाए हैं। उनकी मांग है कि वीर सावरकर को उनके योगदान के लिए वास्तविक सम्मान मिले, और उन्हें भारत रत्न जैसे सर्वोच्च सम्मान से नवाजा जाए. अब यह देखना होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर किस तरह प्रतिक्रिया देती है और क्या सावरकर के योगदान को लेकर कोई नई पहल होती है.