Mehul Choksi Arrested: 13,500 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले में वांटेड कारोबारी मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी ने सबको हैरान कर दिया है. खास बात ये है कि इंटरपोल ने चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस 2022 में हटा लिया था, और कोई नया नोटिस भी जारी नहीं किया गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि फिर बेल्जियम ने आखिरकार उसे कैसे गिरफ्तार किया?
बेल्जियम की राजकुमारी की भारत यात्रा बनी अहम कड़ी?
जानकारों का मानना है कि पिछले महीने भारत आईं बेल्जियम की राजकुमारी एस्ट्रिड की यात्रा इस पूरे घटनाक्रम में अहम भूमिका निभा सकती है. 1 से 8 मार्च के बीच राजकुमारी एस्ट्रिड 300 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत दौरे पर थीं. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की थी. तब मेहुल चोकसी का नाम किसी भी आधिकारिक चर्चा में सामने नहीं आया, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान भारत-बेल्जियम के संबंध इतने मजबूत हुए कि बेल्जियम सरकार ने भारत की कानूनी चिंताओं को गंभीरता से लिया.
चोकसी की बेल्जियम कनेक्शन: पत्नी और रेजीडेंसी कार्ड
जानकारी के मुताबिक, मेहुल चोकसी की पत्नी बेल्जियम मूल की हैं, और इसी कारण चोकसी ने बेल्जियम का रेजीडेंसी कार्ड भी हासिल कर रखा था. संभव है कि इसी वजह से वह बेल्जियम में इलाज के बहाने छिपा हुआ था. लेकिन भारत के साथ बेल्जियम के कूटनीतिक रिश्तों की मजबूती ने उसके लिए ये छुपना आसान नहीं रहने दिया.
राजनाथ सिंह से हिंद-प्रशांत पर चर्चा
भारत दौरे के दौरान बेल्जियम के रक्षा मंत्री थियो फ्रेंकेन और राजकुमारी एस्ट्रिड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और रक्षा सहयोग पर चर्चा की गई थी. वहीं, उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में बेल्जियम की मदद से लगी फ्रेंच फ्राइज फैक्ट्री और भारत में 750 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान इस साझेदारी को और गहरा करता है. भारत और बेल्जियम के बीच भले ही औपचारिक प्रत्यर्पण संधि न हो, लेकिन दोनों देशों के बीच संबंधों की गहराई और पारस्परिक सहयोग से चोकसी के भारत प्रत्यर्पण की राह खुल सकती है. अमेरिका द्वारा हाल ही में 26/11 हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत सौंपना इस तरह के सहयोग की मिसाल है.