RSS chief Mohan Bhagwat: पुणे में गुरुवार को विश्वगुरु भारत कार्यक्रम में पहुंचे आरएसएस नेता मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर जैसे विवादों को तूल देने की कोशिश न करें. हमारे समाज में इसकी कोई जरूरत नहीं है.
संभल में शाही जामा मस्जिद और राजस्थान के अजमेर शरीफ समेत पूजा स्थलों पर विवाद को लेकर उन्होंने कहा कि भारत इस बात का गवाह बनना चाहता है कि कैसे सभी धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं. आपको इसे खराब करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.
पिछले कुछ महीनों से भारत में आए दिन किसी न किसी मस्जिद के सर्वे की बात चल रही है. इसको लेकर लोगों के बीच सांप्रदायिक सद्भावना बढ़ती जा रही है. ऐसे में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, "हर दिन मंदिर-मस्जिद का मामला उठ रहा, ये सही नहीं." हमको इस विषय पर सोचना चाहिए.
कब दिया ये बयान
मोहन भागवत ने यह बयान पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान दिया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर जैसा एक और विवाद करने की जरूरत नहीं है. हमारा समाज सभी को साथ लेकर चलने पर विश्वास रखता है. हम अभी को इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने कहा, "राम मंदिर आस्था का विषय था, जिसे हिंदू लंबे समय से अपनी भावना से जोड़कर देखते थे. लेकिन, नफरत और दुश्मनी के आधार पर नए धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद खड़ा करना अस्वीकार्य है."
उग्रता और कट्टरता
भागवत ने समाज में तनाव कम करने के उपाय बताते हुए कहा कि हमें अपनी प्राचीन संस्कृति की ओर लौटना होगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उग्रता, आक्रामकता और दूसरों के देवताओं का अपमान करना हमारी संस्कृति नहीं है. आरएसएस प्रमुख ने कहा, "यहां कोई बहुसंख्यक या अल्पसंख्यक नहीं है. हम सभी एक हैं. हर किसी को अपने-अपने तरीके से पूजा करने का अधिकार है." उन्होंने समावेशी और शांतिपूर्ण समाज के निर्माण का आह्वान किया.