‘कानून के साथ मत खेलो, धर्म का मतलब इंसानियत है’ — मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी की सख्त चेतावनी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद और भांगर इलाके में हुई हिंसा को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है. पोइला बैसाखी के मौके पर ममता ने कहा, हर किसी को लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती.

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Courtesy: Murshidabad Violence

Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद और भांगर इलाके में हुई हिंसा को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी है. पोइला बैसाखी के मौके पर ममता ने कहा, हर किसी को लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन कानून को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती. उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी.

जो उकसावे में नहीं आता वही असली विजेता

ममता बनर्जी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर कोई आपको उकसाता है, तो शांत रहिए. असली ताकत उसी में है जो उकसावे में न आए. उन्होंने कहा, धर्म सबसे ऊपर नहीं होता, सबसे बड़ी चीज इंसानियत होती है. अगर आप लोगों से प्यार करते हैं तो सबको जीत सकते हैं, लेकिन नफरत और अलगाव से कोई रास्ता नहीं निकलता. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार हर पीड़ित के साथ खड़ी है, भले ही उसका धर्म, जाति या राजनीतिक विचारधारा कुछ भी हो. ममता ने कहा सरकार की जिम्मेदारी है कि वह सबको न्याय दिलाए और कानून व्यवस्था बनाए रखे.

हिंसा की पृष्ठभूमि – क्या हुआ भांगर में?

पश्चिम बंगाल के भांगर इलाके में वक्फ कानून के खिलाफ कोलकाता की ओर बढ़ रहे इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) समर्थकों की बसों को पुलिस ने रोक दिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. इसमें 8 पुलिसकर्मी घायल हुए, एक जेल वैन में तोड़फोड़ की गई और पांच बाइकों को आग लगा दी गई. हालात पर नियंत्रण पाने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.

कालीघाट स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर भी दी सफाई

ममता बनर्जी ने कालीघाट मंदिर परिसर में बने स्काईवॉक प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि इसका 99% खर्च राज्य सरकार ने किया है. केवल मंदिर के ऊपर बना सोने का कलश रिलायंस ने अपनी इच्छा से बनवाया है, जिसकी अनुमति मुख्यमंत्री ने दी थी. सरकार की ओर से फिलहाल शांति बनाए रखने और कानून के दायरे में रहकर ही अपनी बात रखने की अपील की जा रही है.