'तटीय नौवहन विधेयक' लोकसभा में पेश, जानें इसकी विशेषताएं

Environmental Protection: तटीय व्यापार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सोमवार को लोकसभा में 'तटीय पोत परिवहन विधेयक' पेश किया गया. केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह विधेयक सदन में विपक्षी दलों के भारी विरोध और हंगामे के बीच पेश किया. विपक्षी दलों ने अदाणी समूह से जुड़े मुद्दों और संभल हिंसा को लेकर नारेबाजी करते हुए इस पर चर्चा की मांग की.

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Environmental Protection: तटीय व्यापार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सोमवार को लोकसभा में 'तटीय पोत परिवहन विधेयक' पेश किया गया. केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने यह विधेयक सदन में विपक्षी दलों के भारी विरोध और हंगामे के बीच पेश किया. विपक्षी दलों ने अदाणी समूह से जुड़े मुद्दों और संभल हिंसा को लेकर नारेबाजी करते हुए इस पर चर्चा की मांग की.

क्या है 'तटीय पोत परिवहन विधेयक'?

यह विधेयक भारतीय तटीय क्षेत्रों में व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है. विधेयक का उद्देश्य भारतीय नागरिकों द्वारा स्वामित्व और संचालित पोतों की भागीदारी को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं व्यावसायिक जरूरतों को ध्यान में रखना है. इस विधेयक को अक्टूबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी.

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

  • समुद्री परिवहन का प्रोत्साहन: तटीय जलमार्गों का अधिकतम उपयोग कर माल परिवहन की लागत घटाने और इसे पर्यावरण-अनुकूल बनाने पर जोर दिया गया है.
  • आर्थिक मजबूती: तटीय शिपिंग से व्यापारिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय उद्योगों को कम लागत में माल ढुलाई की सुविधा मिलेगी.
  • रोजगार के अवसर: बंदरगाह और शिपिंग से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे.
  • पर्यावरण संरक्षण: यह विधेयक समुद्र में प्रदूषण कम करने और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करेगा.
  • बंदरगाह विकास: बंदरगाहों के बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ जलमार्गों के प्रबंधन और लाइसेंसिंग को सुदृढ़ बनाने के प्रावधान हैं.

सरकार की योजना

यह विधेयक उन पांच विधेयकों में शामिल है, जिन्हें शीतकालीन सत्र में पेश किया जाना है. यह कदम भारत को समुद्री परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है.

'तटीय पोत परिवहन विधेयक' भारत के समुद्री परिवहन क्षेत्र को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. यह तटीय व्यापार, पर्यावरण संरक्षण और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के साथ भारत की समुद्री ताकत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.