ब्रेस्ट कैंसर के हार्मोनल संकेतों को नजरअंदाज करना हो सकता है खतरनाक, जानें एक्सपर्ट की राय

ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है और इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है. कई बार हार्मोनल बदलाव के कारण शरीर में ऐसे संकेत दिखाई देते हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना आपकी सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है.

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Breast Ccancer Symptoms: ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है और इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत ज़रूरी है. कई बार हार्मोनल बदलाव के कारण शरीर में ऐसे संकेत दिखाई देते हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ करना आपकी सेहत के लिए जोखिम भरा हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, समय रहते इन संकेतों को पहचानकर और उचित कदम उठाकर जान बचाई जा सकती है.

हार्मोनल बदलाव और ब्रेस्ट कैंसर का संबंध

हार्मोनल बदलाव महिलाओं के शरीर में सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा हैं, लेकिन जब ये बदलाव अनियमित या असामान्य हों, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के असंतुलन से ब्रेस्ट टिश्यू में अनियमितता हो सकती है.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि आपको ब्रेस्ट में गांठ महसूस हो, त्वचा में बदलाव दिखें, या निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज हो, तो इसे नजरअंदाज न करें. ये संकेत हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर की ओर इशारा कर सकते हैं.

ब्रेस्ट कैंसर के हार्मोनल लक्षण

  • गांठ या सूजन: ब्रेस्ट में गांठ का होना या आसपास सूजन आना.
  • त्वचा में बदलाव: ब्रेस्ट की त्वचा का सख्त या खुरदरा होना.
  • निप्पल में बदलाव: निप्पल का अंदर धंसना या रंग में बदलाव आना.
  • दर्द: ब्रेस्ट में लगातार दर्द या असामान्य बेचैनी.

नियमित जांच क्यों है जरूरी?

एक्सपर्ट्स की सलाह है कि हर महिला को 30 की उम्र के बाद नियमित रूप से ब्रेस्ट की जांच करानी चाहिए. मेमोग्राफी और अन्य जांचों के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती चरण में ही पता लगाया जा सकता है. हार्मोनल संकेतों को गंभीरता से लें और नियमित जांच कराएं. सही समय पर इलाज से ब्रेस्ट कैंसर का प्रभावी इलाज संभव है.