Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि 2025 में भारत के अलावा पाकिस्तान और श्रीलंका में भी बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी. यह दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत के लिए समर्पित होता है. जबकि भारत में यह दिन खास धार्मिक अनुष्ठानों और मंदिरों में भगवान शिव की बारात के साथ मनाया जाता है, वहीं पाकिस्तान और श्रीलंका में भी इस दिन का महत्व और उत्साह कुछ अलग ही होता है. आइए जानते हैं कि इन दो पड़ोसी देशों में महाशिवरात्रि कैसे मनाई जाती है.
भारत में महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि विशेष रूप से फाल्गुन माह की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है, जो भगवान शिव के लिए विशेष महत्व रखती है. यह वह दिन है जब भगवान शिव ने वैराग्य त्याग कर माता पार्वती से विवाह किया. भारत के विभिन्न हिस्सों में इस दिन धार्मिक आयोजन होते हैं, और लोग व्रत रखते हुए पूजा-अर्चना करते हैं. मंदिरों में भगवान शिव की बारात निकलती है और धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं.
पाकिस्तान में महाशिवरात्रि का आयोजन
पाकिस्तान में भी महाशिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. हर साल इस दिन, भारतीय श्रद्धालु वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान पहुंचते हैं और पाकिस्तान के हिंदू समुदाय के साथ मिलकर कटास राज मंदिर में पूजा करते हैं. कटास राज मंदिर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है, और यहां के 'अमर कुंड' में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाकर भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस बार, लगभग 154 हिंदू श्रद्धालुओं का एक समूह अमृतसर से कटास राज मंदिर के लिए पाकिस्तान यात्रा करेगा. इस मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत गहरा है, क्योंकि यहां भगवान शिव के आंसू गिरने की मान्यता है, जब माता सती की मृत्यु के बाद वह विलाप कर रहे थे.
श्रीलंका में महाशिवरात्रि की भव्यता
श्रीलंका में महाशिवरात्रि का पर्व भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. श्री कैलावासनाथन स्वामी देवस्थानम कोविल मंदिर, जो कोलंबो में स्थित है, इस दिन विशेष रूप से श्रद्धालुओं से भर जाता है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहां तमिल हिंदू परंपरा की झलक मिलती है. महाशिवरात्रि के दिन यहां हजारों श्रद्धालु एकत्र होते हैं और पूरे दिन जागरण, भजन और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. इस मंदिर में स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशी श्रद्धालुओं की भी भीड़ देखने को मिलती है.
महाशिवरात्रि का महत्व और समर्पण
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव की आराधना और शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. यह दिन धार्मिक एकता और भक्ति का संदेश देता है. भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में इस दिन की विशेषता और पूजा के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन हर जगह यह दिन विशेष श्रद्धा और समर्पण से मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि न केवल भारत, बल्कि पाकिस्तान और श्रीलंका में भी एक खास धार्मिक उत्सव है. यहां के श्रद्धालु अपनी-अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुसार इस दिन को मनाते हैं. चाहे वह कटास राज मंदिर का 'अमर कुंड' हो या श्रीलंका के कोविल मंदिर का भव्य आयोजन, महाशिवरात्रि का पर्व पूरी दुनिया में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को दर्शाता है.